देश विदेश की

गाजीपुर के कर्मवीर समाजसेवियों को N95 मास्क दिए पूर्व मंत्री विजय मिश्रा

अतुल कुमार तिवारी।
आपकी आवाज
गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

गाजीपुर-कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लाकडाउन के कारण दैनिक मजदूरों के सामने उत्पन्न हुए भोजन के संकट के निवारण हेतु जनसहयोग से स्थापित रसोई में 2 माह से अधिक समय तक पौष्टिक एवम स्वादिष्ट ताज़ा भोजन बनाने के कार्य मे महत्वपूर्ण योगदान करने वाले सभी कर्मवीर भाई-बहनों को साधुवाद के साथ ससम्मान विदाई करने के बाद माननीय पूर्व मंत्री श्री विजय मिश्र जी भोजन बाटंने वाले सभी कर्मवीर योध्दा साथियों से मिले और अत्यंत विषम परिस्थितियों, खराब मौसम, कोरोना संक्रमण की संभावना इन सबको दरकिनार करते हुए सेवा और समर्पण के आपके जज्बे की वजह से ही यह महायज्ञ सफल हुआ है क्यूकिं जिस समर्पण एवम सेवा भाव से आपने रक्त दान, दवा पहुँचाने और आँधी,तूफान तथा बारिश की बाधा को पार करते हुए जिनके लिए इस रसोई की स्थापना की गयी थी उनकी थाली तक भोजन पहुँचाने का काम निर्बाध रूप से किया, इस आत्मिक क्षण पर श्री मिश्र ने कहा कि आप सबके सेवा और समर्पण की उस भाव से मुझे आत्मिक सुख और गौरव की अनुभूति हुई है आपके त्याग और कर्तव्यनिष्ठा से आप सबने ग़ाज़ीपुर का नाम पूरे देश और समाज मे ऊंचा कर दिया, इससे मै बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुआ हूँ और अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि आपके जैसे कर्मयोद्धाओं का मुझे स्नेह और साथ मिला, श्री मिश्र ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि आप सब मुझे अपने प्राणों से भी प्रिय हैं, आपके पुरुषार्थ के आगे कोई कार्य कठिन नही है “कवन सो काज कठिन जग माही। जो नही होइ तात तुम पाहि।। “
बताते चलें कि जिस समय ग़ाज़ीपुर में कोरोना के मामले नगण्य थे, उस समय तक श्री मिश्र ने इस महाअभियान का संचालन एवम प्रबंधन लखनऊ से ही किया लेकिन जैसे ही ग़ाज़ीपुर में संक्रमित लोगो की संख्या में वृद्धि हुई, अपने इन कर्मयोद्धाओं की सुरक्षा की चिंता में उनके लिए सुरक्षात्मक उपायों के साथ वे तुरंत ग़ाज़ीपुर दौड़े आये। उन्होंने सबसे मिलते हुए गौरव की अनुभूति के साथ सभी कर्मयोद्धा साथियों की सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत रूप से लाये हुए N-95 मास्क और काढा दिया। मिश्र जी के इस स्नेह एवम अभिभावक की भांति चिंता के भाव से अभिभूत होकर सबने जब यह कहाँ कि भैया आपके लिए खाना बाटना, तूफान में दवा बाटना तथा खून देना तो केवल नमूना भर है, आवश्यकता पड़ी तो आपके लिए हम सब प्राण भी देने के लिए तत्पर रहेंगे और यह बात सुनते ही मंत्री जी के आंखों में आँसू आ गया और फिर मंत्री जी ने भी कहा कि आप सब जैसे लक्ष्मण स्वरूप भाई पाकर मै धन्य हो गया, आपकी किसी भी आवश्यकता के लिए मैं आजीवन तन-मन-धन से समर्पित रहूंगा, श्री मिश्र जी ने उद्गार व्यक्त करते हुए सभी साथियों को सम्मानित किया “तुम मम प्रिय भरत सम भाई “ इन भावपूर्ण एवम अद्भुत पलों का समस्त समाज साक्षी रहा और सबने इन कर्मयोद्धाओं के सेवा भाव और माननीय श्री मिश्र जी के प्रेम भाव की भूरि-भूरि सराहना की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button