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ट्रेन नही चलने से स्टेशनों के आसपास के व्यवसायियों की स्थिति खराब

स्टेशनो के पास के दुकानों से रौनक आज भी है गायब

भिलाई। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच एक जून से अनलॉक वन शुरू रहने के बाद भी रेलवे स्टेशनों के आसपास व्यवसाय करने वाले लोगों की स्थिति बेहद खराब है। आनलॉक होने के बाद भी यहां व्यवसाय करने वाले कुछ मझोला व्यवसायी एवं अधिकांशतर छोटे व्यवसायी है। कोरोना महामारी को रोकने रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री ट्रेनों के परिचालन का बंद कर दिया गया था जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए आगामी 12 अगस्त ट्रेन के पहिए थमे रहेंगे। इसके कारण व्यापार चौपट होने से व्यापारियों का दिन प्रतिदिन बुरा हाल होते जा रहा है। यात्रियों के नही आने और कही यात्रा कर आने जाने वाले यात्रियों को छोडऩे और लेने आने वाले लोगों के कारण यहां की दुकाने गुलजार रहती थी लेकिन ट्रेन नही शुरू होने के कारण आनलॉक के बावजूद भी यहां का सबसे व्यस्त भिलाई पावर हाउस स्टेशन में लॉकडाउन में छूट के बाद भी रौनक लौट नहीं सकी है।
हालांकि भिलाई शहर में कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच व्यवसायिक स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति से व्यवसायी वर्ग खुश है। लेकिन रेलवे स्टेशनों के आसपास व्यवसाय करने वालों की खुशी अब भी गायब है। ज्यादातर यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से इन व्यापारियों को ग्राहकों के लिए तरसना पड़ रहा है। भिलाई के पावर हाउस स्टेशन में पसरा हुआ सन्नाटा स्वत: ही इस बात की गवाही दे रहा है। दरअसल रेलवे स्टेशनों के आसपास के व्यवसाय का पूरा दारोमदार रेल यात्रियों पर निर्भर रहता है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 23 मार्च से लॉकडाउन घोषित किया गया। इसके दो चार दिन बाद लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया। अनलॉक वन के बाद अहमदाबाद-हावड़ा और गोंदिया-रायगढ़ जनशताब्दी एक्सप्रेस के रूप में इस रूट पर केवल दो ही यात्री ट्रेनें चल रही है। कोरोना के भय और रेलवे की नियम शर्तों के चलते चल रही यात्री ट्रेनों में सफर करने ज्यादातर लोग कतरा रहे हैं। इसका असर स्टेशनों के आसपास जीविकोपार्जन के लिए व्यवसाय करने वालों पर पड़ रहा है। यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि रेलवे स्टेशन के आसपास ज्यादातर ऐसे व्यवसाय संचालित है जो पुरी तरह से रेल यात्रियों के भरोसे फलते और फूलते हैं। ऐसे व्यवसाय में होटल-लॉज, चाय नास्ता, सेलून, डेली नीड्स, फल आदि का कारोबार शामिल है। भिलाई के पावर हाउस स्टेशन के ठीक सामने इस तरह के अनेक दुकानें संचालित है। इसके अलावा ठेला-खोमचा लगाकर भी रेल यात्रियों के भरोसे अनेक लोग अपना और परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। लेकिन कोरोना काल में ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से विधिवत आबंटित दुकानों के साथ ही ठेला खोमचा लगाकर व्यवसाय करने वालों की आर्थिक स्थिति जर्जर होने लगी है। लॉकडाउन के दौरान चरणबद्ध तरीके से दुकानों को खोलने की छूट प्रशासन से मिलने पर स्टेशनों के आसपास के व्यवसायियों में कारोबार के गति पकडऩे की एक उम्मीद जागी थी, लेकिन यात्रियों की आवाजाही नहीं होने से उम्मीदों को निरंतर झटका लग रहा है।

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