छत्तीसगढ़

कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल का सख्त निर्देश – स्वीकृत सीमा से बाहर रेत खोदने पर सीधे होगी एफआईआर,लीज भी होगी निरस्त..

रेत खदानों में सीसीटीव्ही कैमरों से होगी निगरानी, अवैध रेत पर लगाम कसने बनेगा कंट्रोल रूम

दिलीप कुमार वैष्णव@आपकी आवाज
कोरबा छत्तीसगढ़ – 20 अक्टूबर जिले में स्वीकृत रेत खदानों के सीमांकन के बाद कई खदानों से रेत का उत्खनन शुरू हो गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने अवैध रेत खनन और परिवहन को पूरी तरह से रोकने के लिए खनिज सहित प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में आज जरूरी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर रेत के अवैध खनन और परिवहन पर लगाम कसने के लिए जिला स्तर पर एक अलग कंट्रोल रूम अगले दो दिनों में स्थापित करने के निर्देश दिए। इस कंट्रोल रूम का फोन नंबर सार्वजनिक किया जायेगा। आमजन भी अवैध रेत खनन और परिवहन के मामलों की सूचना इस कंट्रोल रूम में फोन करके दे सकेंगे। ऐसी सूचना मिलने पर तत्काल संबंधित टास्क फोर्स द्वारा कार्यवाही की जायेगी।

कलेक्टर श्रीमती कौशल ने रेत खनन के लिये स्वीकृत स्थल पर अनुमति प्राप्त रकबे का सीमांकन कर चमकीले रेडियम युक्त खुंटे गड़ाकर सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिये। निर्धारित सीमा से बाहर से रेत खनन करने पर संबंधित ठेकेदार या लीज प्राप्त संस्था की लीज स्वीकृति निरस्त करते हुए उनके विरूद्ध सीधे एफआईआर कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिये। स्वीकृत रेत खदानों पर पूरी जानकारी जैसे स्वीकृत रकबा, स्थान, लीज अवधि सहित ठेकेदार का नाम, लीज की राशि आदि प्रदर्शित करने वाला बोर्ड भी लगाया जायेगा। स्वीकृत खदानों में निगरानी के लिए सीसीटीव्ही कैमरे भी लगाये जायेंगे। जिनका 15-15 दिन का फुटेज लीज धारक को सीडी के रूप में खनिज अधिकारी के पास जमा कराना होगा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बैठक में खनिज अधिकारी को निर्देशित किया कि रेत के लिए जारी परिवहन पास पर बड़े अक्षरों में स्पष्ट रूप से खनिज का नाम ‘रेत‘ उल्लेखित किया जाये। उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान बिना रेत लिखे परिवहन पासों के आधार पर ढोयी जा रही रेत अवैध मानी जायेगी और वाहन तथा रेत दोनों को जप्त कर कार्यवाही की जायेगी।

रेत के दाम भी नियंत्रित रखने पर जोर-

बरसात के मौसम में पिछले तीन-चार महीने से रेत खदानोें से रेत उत्खनन प्रतिबंधित था और अब 16 अक्टूबर से स्वीकृत रेत खदानों से रेत निकालना शुरू हो गया है, ऐसे में आने वाले दिनों में रेत के दाम भी नियंत्रित रखने के लिये कलेक्टर श्रीमती कौशल ने राजस्व अधिकारियों को सतत निगरानी करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने स्वीकृत घाटों का लगातार राजस्व अमले द्वारा खनन स्थल पर जाकर निरीक्षण अवलोकन करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने तीनो अनुविभागों के एसडीएम और तहसीलदारों को रेत उत्खनन करने वाले ठेकेदारों तथा लीज प्राप्त कर्ताओं की बैठक लेकर दरें निर्धारित करने के निर्देश भी दिए हैं ताकि लोगों को किफायती दरों पर रेत उपलब्ध हो सके। बैठक में कलेक्टर ने रेत भण्डारण की अनुमति प्राप्त लीजदारों का स्थल निरीक्षण कर उनका भी सीमांकन करने, वर्तमान मंे उपलब्ध स्टाॅक की जानकारी लेने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने, ज्यादा राशि पर रेत का विक्रय करने और अवैध रूप से भण्डारित रेत के प्रकरणों पर कड़ी कार्रवाई करते हुये एफआईआर तक दर्ज कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

रेत परिवहन और उत्खनन के सभी जरूरी दस्तावेज साथ रखें –
कलेक्टर ने रेत परिवहन में लगे सभी वाहनों के मालिकों, चालकों और लीज ठेकेदारों को जरूरी सभी दस्तावेज और राॅयल्टी पर्ची आदि साथ रखने के निर्देश दिये ताकि जांच के दौरान समय पर जांच अधिकारी के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किये जा सकें। श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि अवैध रेत खनन और परिवहन में लगे वाहनों तथा मशीनों की जप्ती के बाद प्रकरण पर कलेक्टर की अनुमति से ही जप्त वाहनों को छोड़ा जाये। कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों के लिये रेत की आवश्यकता की पूर्ति करने वाले वाहनों और चालकांे आदि को भी वैध पत्र या दस्तावेज देकर ही रेत परिवहन और खनन कराना सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिये।

15 रेत घाटों से होगी वैध रेत निकासी-

कोरबा जिले के 15 स्वीकृत रेत घाटों से रेत की निकासी लीज धारकांे द्वारा की जायेगी। जिले में इस वर्ष 19 रेत घाटों की स्वीकृति निविदा प्रक्रिया के तहत मिली है जिसमें से चार रेत घाट तकनीकी कारणों से अभी शुरू नहीं हो पायेंगे। 19 स्वीकृत घाटों में कटघोरा विकासखण्ड में सात, कोरबा विकासखण्ड में एक, पाली विकासखण्ड में एक, करतला विकासखण्ड मंे पांच, पोड़ी विकासखण्ड में एक रेत घाट शामिल हैं जिसमे से कटघोरा विकासखण्ड के दो, करतला और पोड़ी विकासखण्ड के एक-एक रेत घाट तकनीकी कारणों से बंद रहेंगे। शेष 15 घाटों से रेत का उत्खनन 16 अक्टूबर से शुरू हो गया है। स्वीकृत रेत घाटों में से हसदेव नदी पर आठ, अहिरन नदी पर पांच, बम्हनी नदी पर दो, देउर नाला, टेटी नदी, सोन नदी और खारून नदी पर एक-एक घाट स्वीकृत है। स्वीकृत घाटों में से हसदेव नदी के दो, अहिरन नदी के एक तथा टेटी नदी के एक घाट से रेत खनन तकनीकी कारणों से नहीं होगा। कटघोरा विकासखण्ड में गेरवाघाट, कसनिया घाट, छुरीकला घाट, दवईपुर घाट, टेलसरा घाट से रेत का खनन किया जायेगा, पाली विकासखण्ड में पोड़ी घाट और कोरबा विकासखण्ड में मोतीसागर घाट से वैध रूप से रेत निकलेगी। करतला विकासखण्ड में चोरीभट्टी घाट, बंजारी घाट, बगदर घाट, भैंसामुड़ी घाट से रेत निकाली जायेगी। पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड में सिर्रीघाट, बैराघाट, बांगोघाट और दुल्लापुर घाट से रेत निकलेगी। पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के आमाटीकरा घाट, कटघोरा विकासखण्ड के कसरेंगा और घमोटा घाट, करतला विकासखण्ड के तरदा घाट से तकनीकी कारणों से रेत का खनन नहीं होगा।

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