गौरेला पेंड्रा मरवाही भाजपा मंडल अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने परियोजना प्रशासक कार्यालय मे चल रहे धर्राशाही के खिलाफ कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
बिलासपुर/गौरेला पेंड्रा मरवाही। 28 वें जिले के रूप अस्तित्व में आये गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास की इबारत लिखने का जो संकल्प किया था और साथ ही मुख्यमंत्री ने नए जिले की सौगात देते हुए जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि हिंदुस्तान में यदि सबसे बढिय़ा वातावरण कहीं है तो गौरेला पेंड्रा और मरवाही का है।लेकिन 3 महीनों में ही कुछ अधिकारियों ने इस वातावरण और इसकी साख को धूमिल करने का प्रयास शुरू कर दिया है। इस दौरान कोरोना संकट जब पुरे विश्व के साथ भारत में भी फैला तब छ.ग प्रदेश के इस नए जिले का प्रशासन और पुलिस विभाग मे कुछ कर्मठ होकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है, वहीं कुछ अधिकारी इस संकट काल में भी अपनी मुनाफाखोरी से बाज नही आ रहे हैं और जिले की प्रतिष्ठा को धूमिल करने में लगे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों ने ऐसे ही एक अधिकारी पर संकट काल में भी लोगों का भया दोहन करने की शिकायत जिला कलेक्टर से की है। जिले के गौरेला पेंड्रा मरवाही मंडल अध्यक्षों और बीजेपी के पदाधिकारियों ने परियोजना प्रशासक के ऑफिस में लिंक अधिकारी मे पदस्थ के. बी. दीक्षित के खिलाफ अवांक्षित लाभ के लिए कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया है कि कोरोना विपदा के समय भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने और उनके नाम हटाने पर पैसों की मांग कर रहे हैं। साथ ही सभी पदाधिकारियों ने कहा कि इनकी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से व्यवहार भी अच्छा नहीं है। बीजेपी ने आरोप लगाया को अपने मूल विभाग से अन्य जगह काम करने वाले इन अधिकारी ने पेण्ड्रा के भाजपा के मंडल अध्यक्ष अंकुर गुप्ता को फोन पर धमकी तक दे डाली इन सब पूरे मामले को लेकर जिले के भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी से लिखित में शिकायत की है और अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई कि मांग की है