डॉ. रमेश टण्डन संपादित किताब का उच्च शिक्षा मंत्री ने किया विमोचन
खरसिया। महात्मा गांधी शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय खरसिया में सहायक प्राध्यापक हिन्दी के पद पर कार्यरत डॉ. रमेश टण्डन ने छत्तीसगढ़ स्थित महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों व हिन्दी के जानकारों के सहयोग से एम ए हिन्दी के छात्रों के लिए भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा किताब का संपादन किया। जिसे 03 जुलाई 2020 को नंदेली हाऊस में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के कर कमलों से विमोचन किया गया। विमोचन के समय स्वयं संपादक डॉ. रमेश टण्डन, प्रो. सरला जोगी, दीनबंधु चौहान व्याख्याता फूलबंधिया, आशीष राठौर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष उपस्थित थे।
विदित हो कि संपादित किताब में 36 अध्याय हैं, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के अन्तर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में संचालित एम ए हिन्दी प्रथम सेमेस्टर चतुर्थ प्रश्नपत्र – भाषा विज्ञान और एम ए हिन्दी द्वितीय सेमेस्टर चतुर्थ प्रश्नपत्र – हिन्दी भाषा के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समाहित किया गया है। इसे राजनांदगांव, मरवाही, कोटा, बिलासपुर, कोरबा, बरपाली, छुईखदान, चन्द्रपुर, छूरिया, रायगढ़, दीपका, खरसिया आदि स्थित महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों ने लिखा है। इस पुस्तक के प्रकाशित होने से एम ए हिन्दी के छात्रों को इस मात्र एक किताब से ही पूरे पाठ्यक्रम की विषय वस्तु एक साथ मिल पाएगी।
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल जी ने विमोचन करते हुए संपादक को बधाई दिया और कहा कि इस पुस्तक के प्रकाशन से छात्रों को लाभ मिलेगा और सम्पूर्ण पाठ्य वस्तु के अध्ययन के लिए यही एक पुस्तक पर्याप्त होगी। कोरोना संक्रमण काल में जब सभी ओर लॉक डाउन की स्थिति निर्मित है, उस स्थिति में जब कोई शिक्षक घर बैठे, छात्रों के लिए सीजी स्कूल में यूट्यूब वीडियो अपलोड करने, जूम अथवा सिस्को वेबेक्स से ऑनलाईन क्लास लेने के बाद अपने समय का सदुपयोग करते हुए छात्रों के लिए पुस्तक तैयार कर लेता है तो इससे बड़ा कार्य और क्या हो सकता है, यह निश्चित रूप से एक प्रशंसनीय कार्य है। पुस्तक संपादित किए जाने पर संपादक व सहयोगी प्राध्यापकों को माननीय कुलपति प्रो. जी डी शर्मा अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, डॉ. अंजनी तिवारी प्राचार्य अग्रणी महाविद्यालय रायगढ़, डॉ. मीनकेतन प्रधान हिन्दी विभागाध्यक्ष के जी कालेज रायगढ़, प्रो. सरला जोगी, प्रो. मनोज साहू, प्रो. एम एल धीरही, प्रो. अर्चना आसटकर प्रचार्या महाविद्यालय जोबी, ओमप्रकाश मनहर वैज्ञानिक आदि ने बधाइयाँ दी।