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राजकोट के कोविड हॉस्पिटल में आग पर SC ने लिया संज्ञान, कोरोना को लेकर लोगों की लापरवाही पर भी जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राजकोट में कोविड हॉस्पिटल में लगी आग से 6 लोगों की मौत की घटना पर संज्ञान ले लिया. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया के देश में कोरोना के 77 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से आ रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली का योगदान सबसे ज्यादा है.

नई दिल्ली: “कोरोना के इलाज को लेकर स्थिति पहले से खराब है और अब अस्पतालों में आग लगने से लोग मर रहे हैं. यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है.” इस टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राजकोट में कोविड हॉस्पिटल में लगी आग से 6 लोगों की मौत की घटना पर संज्ञान ले लिया. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया के देश में कोरोना के 77 प्रतिशत मामले 10 राज्यों से आ रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली का योगदान सबसे ज्यादा है.

देशभर के अस्पतालों में कोरोना के इलाज को लेकर की गई व्यवस्था पर सुप्रीम कोर्ट खुद संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बीमारी की नई लहर में बढ़ रहे मामलों पर चिंता जताई थी. सभी राज्यों से बीमारी के इलाज को लेकर की गई व्यवस्था पर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था. लेकिन आज सुनवाई शुरू होते ही मामला राजकोट के हॉस्पिटल में लगी आग की तरफ मुड़ गया.

सुप्रीम कोर्ट ने घटना पर चिंता जताई. जस्टिस अशोक भूषण, एम आर शाह और आर सुभाष रेड्डी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर संज्ञान ले लिया. कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि गुजरात हाई कोर्ट भी मामले पर सुनवाई कर रहा है. इस पर जजों ने कहा, “हमारी सुनवाई का दायरा पूरे देश के अस्पतालों का होगा.”

बेंच के सदस्य जस्टिस एम आर शाह ने कहा, “कल राजकोट के हॉस्पिटल में आग लगी है. उससे पहले अहमदाबाद में ऐसी घटना हुई थी. बात सिर्फ गुजरात तक सीमित नहीं है. देशभर में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. यह स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती है. गुजरात सरकार हमें राजकोट मामले पर रिपोर्ट दे. केंद्र भी यह बताए कि पूरे देश के अस्पतालों में आग से सुरक्षा को लेकर क्या व्यवस्था की जा रही है. हम मंगलवार को मामले पर आगे की सुनवाई करेंगे.”

इसके बाद देश में भर में कोरोना की स्थिति पर सुनवाई शुरू हो गई. जजों ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “हम यहां हालात पर सुनवाई कर रहे हैं. लेकिन बाहर 80 प्रतिशत लोग या तो बिना मास्क के घूम रहे हैं या फिर उसे ठोड़ी पर लटका रखा है. केंद्र और राज्य सरकारों ने कोरोना की रोकथाम को लेकर SOP बना दिया है. लेकिन उसके पालन को लेकर कोई चिंतित नजर नहीं आ रहा है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. लेकिन देश में बेधड़क शादियां, राजनीतिक कार्यक्रम और दूसरे समारोह हो रहे हैं.”

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने देश के सभी राज्यों की स्थिति पर जानकारी मांगी थी. जवाब में केंद्र सरकार ने बताया है देश के कुल देश में कोरोना के कुल मामलों में 77 प्रतिशत 10 राज्यों से आ रहे हैं. इन राज्यों में महाराष्ट्र का योगदान सबसे ज़्यादा 18.9 प्रतिशत है. इसके अलावा केरल (14.7%), दिल्ली (8.5%), पश्चिम बंगाल (5.7%), कर्नाटक (5.6%), उत्तर प्रदेश (5.4), राजस्थान (5.5%), छत्तीसगढ़ (5.0), हरियाणा (4.7%) और आंध्र प्रदेश (3.1%) में भी कोरोना के ज़्यादा मामले हैं.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा. गुजरात सरकार से राजकोट अग्निकांड पर और केंद्र सरकार से देश भर के हस्पतालों में आग से सुरक्षा पर रिपोर्ट मांगी. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 1 दिसंबर को होगी.

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