सड़क पर खड़ी दर्जनों एंबुलेंस की होनी चाहिए जांच
बिलासपुर :- एक वक्त था जब छत्तीसगढ़ मेडिकल कालेज सिम्स के आस पास मरीजों को निजी चिकित्सालय में ले जाने वाली एंबुलेंस दलालों की प्रतीक्षा करती रहती थी किंतु लाक डाउन ने रिफर करने का यह धंधा मृत प्राय कर दिया है निजी एंबुलेंस दर्जनों की संख्या में रिवर व्यू रोड पर खड़ी है जब स्थान की कमी पड़ गई तो कुछ गाड़ियां चौपाटी के अंदर खड़ी हो गई कुछ एंबुलेंस में तो नंबर भी मिटा दिया गया है अधिकतर एंबुलेंस के सामने का नंबर प्लेट टूटा हुआ है इन सभी एंबुलेंस की जांच बड़ी स्केंडल का परदा फास कर सकते है सुत्रो कि माने तो एंबुलेंस के बहाने कई गाड़िया बिना परमिट के चल रहे है जिसकी सुक्षम जांच होनी चाहिए. सिम्स में मरीज को निजी चिकित्सालय में भेजने का धंधा इस कदर फलता फूलता था कि सिम्स से निजी चिकित्सालय में जाने के लिए एंबुलेंस फ्री होती थी दिनभर निजी चिकित्सालय के कथित पीआरओ और सिम्स के पैरामेडिकल स्टाफ के लिए यह हजारों का धंधा था जो इन दिनों ठंडा पड़ा है सरकारी एंबुलेंस में भी नहीं है नंबर कुछ ही दिन पूर्व संजीवनी के स्थान पर नया ठेका हुआ है और लाक डाउन के लगभग एक माह पूर्व से नये एनजीओ ने एंबुलेंस देना प्रारंभ की है यह बात समझ के परे है कि इन एंबुलेंस को सड़क पर उतारने के पहले इनका आरटीओ नंबर क्यों नहीं लिया गया इस समय सरकार की तरफ से जो 108 की सर्विस चल रही है उनके अधिकांश नई एंबुलेंस पर आरटीओ का पंजीयन क्रमांक नहीं है यह अनियमितता गंभीर श्रेणी की है