तखतपुर संवाददाता संतोष ठाकुर कि रिपोर्ट
बिलासपुर /तखतपुर संतोष ठाकुर ।कलियुग में मनुष्यों के लिये सर्वश्रेष्ठ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति है। भगवान कृष्ण से प्रेम करें निष्काम प्रेम जैसा गोपियों ने किया था। भगवान श्री कृष्ण से प्रेम होते ही मनुष्य में ज्ञान और वैराग्य का उदय होता है। इसलिये मनुष्य को निरन्तर एकाग्र मन से भक्ति भाव में लीन होकर परमात्म चरित्र का श्रवण तथा कीर्तन आदि करना चाहिये। यह कथा श्री राम चरित्र मानस सम्मेलन में श्रीमद् भागवत कथा विस्तार करते हुए कथा व्यास पंडित यज्ञेश मिश्र ने सांस्कृतिक भवन प्रांगण में कथा विस्तार करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य द्वारा किये जाने वाले सभी प्रकार के धार्मिक कृत्य चाहे वो जप हो अनुष्ठान हो दान हो सब का एक ही लक्ष्य होता है। मोक्ष की प्राप्ति ना कि भौतिक तृप्ति अथवा लाभ ।वर्तमान काल में मनुष्य अपनी इन्द्रियों की तृप्ति तथा इच्छाओं की पूर्ति को ही जीवन का मुख्य लक्ष्य मान बैठा है।जबकि उसका मुख्य लक्ष्य स्वस्थ जीवन और परमात्म प्राप्त होना चाहिये। सूत जी ने कहा कि भागवत की कथा का जब श्रवण होता है। तो हम परमात्मा की लीलाओं का श्रवण करते हैं ।जिसके माध्यम से हम उसके बारे में जानते हैं और चूंकि परमात्मा रस और आनन्द स्वरूप है सो हम उसके चरित्र का रसास्वादन करते करते उसको अनुभव करने लगते हैं महसूस करने लगते हैं। चूंकि परमात्मा आनन्द स्वरूप है और हमारा परम लक्ष्य है अनन्द की प्राप्ति इसलिए हमारी उससे प्रीति हो ही जाती।
अन्ततः पर्मात्मा स्वयं भक्त में प्रकट हो जाता है । भक्ति में कोई हेतु नहीं होना चाहिये कोई भौतिक इच्छा पूर्ति का लक्ष्य नहीं होना चाहिये । भक्त की भौतिक इच्छा पूर्ति का कोई लक्ष्य हो सकता है ।परन्तु जैसे जैसे प्रेमाभक्ति प्रगाढता की तरफ़ बढती जाती है। भक्त की भौतिक वासनाएं,मांगें सब स्वतः ही गिर जाती हैं ।जब प्रेम गहरा और गहरा हो जाता है। तो लक्ष्य सिर्फ़ इतना भर रह जाता है। हमारा परमात्मा प्रियतम कैसे प्रसन्न हो। उससे कोई इच्छा या अपेक्षा होना संभव ही नहीं है। मनुष्य जैसे जैसे परमात्मा के समीप होता जाता है ।उसका विवेक जाग्रत होता जाता है और अन्ततः ज्ञान और वैराग्य का उदय होता है।इस अवसर पर जुगल किशोर पांडेय ,रोहन सिंह ठाकुर, जितेंद्र शुक्ला, धनंजय सिंह क्षत्रिय , ईश्वर राजपूत, कोमल सिंह ठाकुर, महेश सिंह ,नीलकंठ तिवारी ,धर्मेंद्र कश्यप ,संजय सिंह ,पूनम सिंह, पाटेश्वर सिंह, बालेश्वर सिंह, रामकुमार, शिवपाल सिंह ,दीपक सिंह, उदय सिंह, संजय शर्मा, सुरेश वाडेकर, लक्ष्मण सिंह, कृष्ण कुमार ध्रुव, अमृतवाणी, अमर चंद शर्मा, प्रकाश सोनी, पंकज सोनी, शिव कुमार, प्रदीप शुक्ला ,शत्रुघन श्रीवास्तव, कुमार साहू ,लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता सहित अन्य उपस्थित रहे।