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सांसद नेता कहा अन्नदाताओं (किसानों) के साथ छलावा कर रही है कांग्रेस सरकार

विनोद शर्मा @ आपकी आवाज

जशपुर★ फरसाबहार खरीफ वर्ष 2020—21 के लिए धान के बुआई रकबे में कमी किए जाने के निर्णय को रायगढ़ संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती गोमती साय ने किसान विरोधी बताते हुए कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होनें कहा कि विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में धान उत्पादक किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का वायदा किया था। चुनाव के बाद अपने इस वायदे को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने खरीफ वर्ष 2019—20 में ही इस छलावे का ताना बाना रच दिया था। उन्होनें कहा कि पिछले सीजन में किसानों पर लगाए गए तमाम बंदिशों की वजह से ऐसा महसूस हो रहा था मानों वे धान नहीं,कोई गैर कानूनी मादक द्रव्य बेच रहे हो। सत्यापन और गिरदावरी के नाम पर पूर्व के पंजिकृत किसानों के नाम को समितियों की सूचि से हटाया दिया गया था। धान खरीदी के लिए निर्धारित अंतिम समय सीमा तक किसान अपनी फसल को बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। लेकिन स्वयं को किसानों का रहनुमा होने का दावा करने वाले कांग्रेसियों के मुंह पर ताला लगा रहा। आगामी खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में धान बुआई के रकबे में 5 प्रतिशत की बड़ी कटौती पर निशाना साधते हुए उन्होनें कहा कि बुआई होने से पहले ही किसानों के अधिकार पर कटौती करने की तैयारी भूपेश बघेल की सरकार ने कर ली है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन की वजह से किसान पहले से ही आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे कठिनतम दौर में सरकार धान के रकबे में कटौती करने का निर्णय घोर किसान विरोधी है। भारतीय जनता पार्टी इसका हर स्तर पर कड़ो विरोध करेगी।

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