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Aarogya Setu App : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने खड़े किए सवाल, अनिवार्यता को बताया गैरकानूनी

कोरोना वायरस मरीजों का ट्रैक करनेवाला आरोग्य सेतु ऐप पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. राहुल गांधी के बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने मोबाइल ऐपलीकेशन पर सवाल उठाए हैं. जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने ऐप को अनिवार्य करार देने को गैर कानूनी बताया है.

 

आरोग्य सेतु ऐप पर बढ़ा विवाद

 

जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने सरकार के आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य करने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि किस कानून के तहत ऐप को जरूरी करार दिया गया है ? गृह मंत्रालय ने 1 मई को अपने गाइडलाइन्स में आरोग्य सेतु ऐप को निजी और सरकारी कर्मियों के लिए अनिवार्य कर दिया था.

 

गाइडलाइन्स में ये भी कहा गया था कि अधिकारी कंटोनमेंट जोन में जानेवाले हर शख्स के मोबाइल में ऐप को सुनिश्चित करें. जिसके बाद नोएडा पुलिस ने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप के बिना जानेवालों के खिलाफ सजा का एलान किया था. सजा के तहत छह महीने की जेल या हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान था.

 

राहुल के बाद पूर्व न्यायाधीश के सवाल

 

नोएडा पुलिस के आदेश को जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी भी लग रहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इस तरह के आदेश को अदालत में चुनौती दी जा सकती है. उन्होंने महामारी और आपदा कानून की आड़ में ऐप के लाजिमी किए जाने पर दोनों कानून को उन्होंने खास मकसद के लिए बताया. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी आरोग्य सेतु ऐप पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि इस ऐप से डेटा सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएं बढ़ती हैं. ट्वीट के जरिए सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी आरोग्य सेतु ऐप को जटिल निगरानी प्रणाली बता चुके हैं.

Rahul Gandhi

@RahulGandhi

The Arogya Setu app, is a sophisticated surveillance system, outsourced to a pvt operator, with no institutional oversight – raising serious data security & privacy concerns. Technology can help keep us safe; but fear must not be leveraged to track citizens without their consent.

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