राज्य के उच्चाधिकारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि और महंगाई भत्ता भुगतान पर रोक हो-नामदेव
रायपुर, वरिष्ठ कर्मचारी नेता छ ग राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष व छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने प्रदेश के कर्मचारियों के कोरोना के नाम पर इसी माह जुलाई से मिलने वाले वार्षिक वेतनवृद्धि को जनवरी 21में और आगामी जनवरी 21 में वार्षिक वेतनवृद्धि की पात्रता रखने वालों को जुलाई 21 में एरियर सहित भुगतान करने की घोषणा को लॉलीपॉप करार देते हुये उन्होने इसे प्रदेश के कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय निरूपित किया है और वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ साथ कर्मचारियों के जुलाई19 से केन्द्र के समान बकाया 5त्न प्रतिशत महंगाई भत्ते की राशि को भी राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को तत्काल भुगतान करने के आदेश जारी करने की मांग की है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि सरकार यह अच्छी तरह से जानती है, कर्मचारी संगठनों में एकता नही है और वह वेतन वृद्धि के मामले हो,या महंगाई भत्ता हो चाहे सातवें वेतनमान के एरियर की बात हो ,अपने आपसी मतभेदों के चलते एकजुट होकर सरकार से संघर्ष करने की हालत में नही है।इसका भरपूर फायदा उठा रही है और कर्मचारी संगठनों को बरगला कर हर आर्थिक माँगो को टालने में सफल है और इसमें आई ए एस अधिकारियों की मुख्य भूमिका है।
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है यह अजीब विडम्बना है कि वित्तीय स्वालम्बन के नाम पर जो अधिकारी कर्मचारियों के आर्थिक क्लेम रोकने के लिये सरकार के सलाहकार बने हुए हैं वे स्वयं केन्द्र नियंत्रित भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी होने के कारण छत्तीसगढ़ शासन के बजट से एक साल पहले से जुलाई 19 से 5त्न प्रतिशत महंगाई भत्ता नियत तिथि से प्राप्त कर रहे हैं और उन्हें सम्प्रति जुलाई 20 से वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ भी मिलना निश्चित है।लेकिन राज्य के विकास में निरन्तर योगदान कर रहे कर्मचारियों के मामले में खलनायक बने हुए है।
जारी विज्ञप्ति में नामदेव ने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों की भांति राज्य में सेवारत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भी वित्तीय बचत हेतु वार्षिक वेतनवृद्धि में रोक लगाने सम्बन्धी आदेश करने की मांग की है।
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