370 की बहाली को लेकर कांग्रेस पर भड़की BJP, कहा- ‘भारत को बांटो के हथकंडे’ शुरू
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली के लिए कांग्रेस ने वहां के मुख्य राजनीतिक दलों के गठबंधन बनाने का समर्थन किया है। इस कदम पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अनुच्छेद-370 की बहाली करने की मांग पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि चूंकि कांग्रेस के पास सुशासन के एजेंडे पर बात करने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए बिहार चुनाव से पहले वह ‘भारत को बांटो के गंदे हथकंडे’ पर वापस आ गई है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला
जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘चूंकि कांग्रेस के पास सुशासन के एजेंडे पर बात करने को कुछ नहीं है, वे बिहार चुनाव से पहले ‘भारत को बांटो’ के गंदे हथकंडे पर वापस आ गए हैं। राहुल गांधी पाकिस्तान की प्रशंसा करते हैं और चिदंबरम कहते हैं कि कांग्रेस अनुच्छेद-370 की वापसी चाहती है। शर्मनाक!’
Since Congress has no good governance agenda to talk about, they are back to their ‘Divide India’ dirty tricks before Bihar elections.
Shri Rahul Gandhi praises Pakistan and Shri Chidambaram says Congress wants Article 370 to return!
Shameful! https://t.co/ndTYuFsbms
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) October 16, 2020
चिदंबरम के बयान पर भड़की BJP
नड्डा ने यह टिप्पणी कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर की जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के दर्जे और अधिकारों की बहाली के साथ खड़ी है और मोदी सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 को लिया गया फैसला ‘मनमाना और अंसवैधानिक’ था और उसे रद्द किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने गुपकार ग्रुप का किया समर्थन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए वहां के मुख्य राजनीतिक दलों के गठबंधन बनाने का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाने संबंधी फैसलों को निरस्त करना चाहिए।
फिर बहाल हो अनुच्छेद 370- कांग्रेस
पूर्व गृह मंत्री ने ट्वीट किया, ‘जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ने के मकसद से वहां के मुख्यधारा के क्षेत्रीय दलों का साथ आना एक ऐसा घटनाक्रम है जिसका भारत के सभी लोगों को स्वागत करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को इन मुख्यधारा की पार्टियों और जम्मू-कश्मीर के लोगों को पृथकतावादी और देश विरोधी होने की नजर से देखना बंद करना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की क्षेत्रीय पार्टियों का जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ने के लिए एक साथ आना एक ऐसा विकास है जिसका भारत के सभी लोगों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 16, 2020
5 अगस्त का फैसला असंवैधानिक-चिदंबरम
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस दर्जे और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए संकल्पबद्ध खड़ी है। सरकार को पांच अगस्त, 2019 को लिए गए मनमाने और असंवैधानिक फैसलों को निरस्त करना चाहिए।’ गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में मुख्य धारा के राजनीतिक दलों ने बृहस्पतिवार को एक बैठक की और पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए एक गठबंधन बनाया। यह गठबंधन इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों से वार्ता भी शुरू करेगा।
कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्थिति और अधिकारों की बहाली के लिए भी दृढ़ है।
मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को लिए गए मनमाने और असंवैधानिक फैसलों को रद्द किया जाना चाहिए।— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 16, 2020
गुपकार घोषणा को लेकर हुई बैठक
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक हुई और इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीपल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने भी हिस्सा लिया।
अब्दुल्ला पर बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं अब्दुल्ला के इस बयान पर बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के बयान को देश विरोधी भी बताया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘वर्तमान सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला एक इंटरव्यू में कहते हैं कि अनुच्छेद 370 जिसे संवैधानिक तरीके से भारत के संसदीय पटल पर हटाया गया था, चीन की सहायता से दोबारा अनुच्छेद 370 को वापस लाया जाएगा। यह न केवल चिंतनीय है बल्कि दुखद है।’
चीन की मानसिकता को सही ठहरा रहे फारूक: BJP
संबित पात्रा ने कहा, ‘फारूक अब्दुल्ला जी का मानना है कि आज अगर चीन आक्रामक हुआ है तो इसका एक ही कारण है कि अनुच्छेद 370 को हिन्दुस्तान ने हटाया। एक तरह से फारूक अब्दुल्ला ने अपने इंटरव्यू में चीन की विस्तारवादी मानसिकता को न्यायोचित ठहराते हैं। वहीं दूसरी और एक देशद्रोही कमेंट करते हैं कि भविष्य में हमें अगर मौका मिला तो हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे।’