छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की मांग: श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय और राज्य के भीतर परिवहन में होने वाले व्यय के भुगतान का प्रावधान राज्य आपदा मोचन निधि में हो

रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के 1.50 लाख से अधिक श्रमिक तथा अन्य व्यक्ति अन्य राज्यों में अवरूद्ध हैं तथा लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वे अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ की वापसी हेतु व्यग्र हैं। अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। लगभग 27 हजार से अधिक श्रमिक स्वयं के साधनों तथा राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बस सुविधा से गृह राज्य लौट चुके हैं। इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख 32 हजार श्रमिकों को रेल तथा बसों के माध्यम से लाने की प्रक्रिया 11 मई से प्रारंभ हो चुकी है। श्रमिकों के लिए रेल तथा बस परिवहन में हुए व्यय का भुगतान एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से किए जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ होकर अन्य राज्यों को जाने वाले श्रमिकों हेतु भी भोजन, पानी तथा संबंधित राज्य की सीमा तक बस में छोड़े जाने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है।
श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने भारत सरकार, गृह मंत्रालय नई दिल्ली के 14 मार्च 2020 के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस पत्र में राज्य आपदा मोचन निधि से क्वारेंटीन में रखे जाने, व्यक्तियों के नमूना संग्रह और स्क्रीनिंग के उपाय कलस्टर कन्टेंनमेंट ऑपरेशन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) की प्रावधानित राशि में से 25 प्रतिशत सीमा तक व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला की स्थापना, आवश्यक उपकरणों का क्रय, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट क्रय किए जाने, थर्मल स्केनर, वेंटिलेटर, वायु शुद्धिकरण यंत्र तथा हॉस्पिटल में प्रयुक्त होने वाले अन्य सामग्री क्रय किए जाने के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) राशि से 10 प्रतिशत सीमा तक व्यय का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों तथा जरूरतमंद बेघर-बार व्यक्तियों के लिए लॉकडाउन अवधि में राहत शिविरों के संचालन हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से व्यय किए जाने हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय के 28 मार्च के पत्र द्वारा प्रावधान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है। इन परिस्थितियों में श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान किया जाना आवश्यक है। श्री बघेल ने इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को यथोचित निर्देश देने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री मोदी से किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button