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पत्रकार राजीव शर्मा पर चीन के लिए जासूसी करने का आरोप, यू-ट्यूब पर डाले भारत-चीन संबंधों के 327 वीडियो

शासकीय गोपनीयता कानून के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा ने दिसंबर से अपने यूट्यूब चैनल पर भारत-चीन संबंधों सहित कई मुद्दों पर 300 से अधिक वीडियो अपलोड किए हैं. स्वतंत्र (फ्रीलांस) पत्रकार शर्मा के यूट्यूब चैनल राजीव किष्किंधा पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इसे 17 दिसंबर, 2019 को बनाया गया था और इसके 12,000 से अधिक सब्सक्राइबर हैं. शर्मा के चैनल पर डाले गये वीडियो के लगभग 6,33,600 ‘व्यूज’ (लोगों ने देखा) भी हैं.

शर्मा के चैनल पर 327 वीडियो हैं, जिसमें वह कई विषयों पर चर्चा करते नजर आ रहे हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे भी शामिल हैं. गत 14 सितंबर को शर्मा ने अपना आखिरी वीडियो भारत-चीन टकराव पर पोस्ट किया था, जिस दिन उन्हें दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था.

दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि गिरफ्तार पत्रकार शर्मा सीमा पर भारतीय रणनीति और सैनिकों की तैनाती संबंधी संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर चीनी खुफिया एजेंसियों को दे रहे थे. मामले की जांच की जा रही है.

क्या है मामला?
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि पिछले कुछ समय से भारतीय एजेंसी आरोपी पत्रकार राजीव शर्मा पर नजर बनाए हुए थी. इस दौरान यह जानकारी मिली की फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा भारतीय सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज चीनी सेना की विभिन्न एजेंसियों को उपलब्ध करा रहा है. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई, जिसके बाद पुलिस ने 14 सितम्बर को राजीव शर्मा के साथ-साथ चीनी महिला किंग शी व नेपाली युवक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा को गिरफ्तार कर लिया.

क्या है पुलिस का दावा
पुलिस का कहना है कि राजीव शर्मा के पास से भारतीय सेना से जुड़े काफी अहम व गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. इसके साथ ही लैपटॉप, 10 मोबाइल फ़ोन, सिम कार्ड आदि बरामद किए हैं, एटीएम कार्ड(चीनी एटीएम कार्ड भी शामिल हैं). पिछले एक सवा साल के भीतर राजीव शर्मा के एकाउंट में 40 से 45 लाख रुपये से ज्यादा का पैसा आया. उनके ई-मेल आईडी को एक्सेस कर रहे हैं. जिसके माध्यम से काफी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई हैं. उनके लेख चीन के ग्लोबल टाइम्स में भी प्रकाशित होते थे.

2016 से शुरू हुआ जासूसी का सिलसिला
स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव का कहना है कि राजीव शर्मा वर्ष 2016 से भारतीय सेना से जुड़ी जानकारियां चीनी एजेंसियों को उपलब्ध करा रहे थे.

2016 में माइकल नामक चीनी अधिकारी से लिंकडइन के माध्यम से हुआ था सम्पर्क
डीसीपी संजीव यादव का कहना है कि अब तक की पूछताछ में राजीव शर्मा ने खुलासा किया है कि 2016 में लिंकडइन के माध्यम से माइकल से उनका सम्पर्क हुआ. माइकल ने उन्हें जॉब का आफर दिया और फिर उन्हें मिलने के लिए चीन बुलाया था. वहां पर माइकल ने राजीव शर्मा को सही उद्देश्य बताया और मोटी रकम का लालच देकर जासूसी करने के लिए तैयार कर लिया. 2018 तक राजीव शर्मा माइकल के लिए काम करते रहे और फिर 2019 से जॉर्ज के लिए काम करने लगे. जॉर्ज भी चीनी खुफिया एजेंसी का अधिकारी है. राजीव शर्मा पर आरोप है कि वह चीनी एजेंसियों को भारत और चीन की सीमा से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराते रहे हैं. वह पीआईबी कार्ड होल्डर हैं. 40 साल से पत्रकारिता कर रहे हैं. देश के कई डिफेंस कवर करने वाले पत्रकारों से भी जानकारी जुटाकर चीन को उपलब्ध कराई जा रही थी.

विदेशों में होती थी मीटिंग
पुलिस ने दावा किया है कि राजीव शर्मा और जॉर्ज की मुलाकात विदेशों में होती थी. प्रबन्ध जॉर्ज की तरफ से कराया जाता था.

किंग शी और शेर सिंह शेल कंपनी के डायरेक्टर
पुलिस ने आज एक चीनी महिला किंग शी और नेपाली युवक शेर सिंह को भी गिरफ्तार किया है. ये दोनों उस शेल कंपनी के डायरेक्टर हैं, जिनके माध्यम से राजीव शर्मा को पैसा दिया जा रहा था. किंग शी ने 2013 में जामिया यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था और उसके बाद वह भारत मे ही रुक गई. वह और शेर सिंह महिपालपुर में स्थित एमज़ेड मॉल और एमज़ेड फार्मा कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त हैं, इन्हीं कंपनियों से राजीव शर्मा को पैसा आ रहा था.

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