छत्तीसगढ़

व्याख्याता चयनित अभ्यर्थियों की पुकार-हे मुख्यमंत्री जी, वित्त विभाग तो आपके पास फिर नियुक्ति में इतना विलंब क्यों!

० राज्य में पिछले 11 महीने से 14 हजार 580 पदों पर व्याख्याता की भर्ती प्रक्रिया अधर में, बेरोजगार युवाओं को नहीं मिला रहा जवाब

रायपुर। राज्य में डेढ़ साल पहले शुरू हुई व्याख्याता भर्ती प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई है। भर्ती की प्रक्रिया अधर में लटकने की वजह से चयनित अभ्यर्थी परेशान हैं। छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के बैनर तले बेरोजगार युवा अभ्यर्थियों ने अपनी व्यथा को अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों, सांसदों, एसडीएम व कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री तक पहुंचाने निरंतर ज्ञापन दे रहे हैं, ताकि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में तेजी आ सके। बावजूद इसके पिछले 11 महीने से भर्ती प्रक्रिया में कोई प्रोग्रेस नहीं है। अब छत्तीसगढ़ शिक्षित डीएड-बीएड संघ ने सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला है। शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में संघ के सचिव सुशांत शेखर धराई समेत अन्य चयनित अभ्यर्थियों ने कहा कि वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिलने की वजह से नियुुक्ति आदेश जारी नहीं होने की बात संबंधित विभाग द्वारा कही जा रही है। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नियमित शिक्षकों की भर्ती उनके महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल था और वित्त विभाग स्वयं सीएम के पास है। ऐसे में कई महीनों से वित्त विभाग द्वारा व्याख्याता नियुक्ति के लिए अनुमति नहीं मिलने की बात विचारणीय है। संघ के सदस्यों ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2019 का विज्ञापन 9 मार्च 2019 को जारी हुआ था। इसके अंतर्गत व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक ( विज्ञान और प्रयोगशाला ) के कुल 14580 पदों पर भर्ती होनी है। व्याख्यता की नवंबर 2019 में सत्यापन होने के बाद अंतिम निराकरण सूची शिक्षा विभाग द्वारा अभी तक जारी नहीं की गई है। वहीं शिक्षक एवं सहायक शिक्षक की पात्र अपात्र सूची अभी तक नहीं आ पाई है। जबकि उसी विभाग में क्रमोन्नती, पदोन्नती, स्थानांतरण आदि कार्य सुचारू रूप से जारी है। शिक्षक भर्ती की पात्र-अपात्र सूची नहीं आने के कारण चयनित अभ्यर्थी अवसादग्रस्त है। इस संबंध में तहसीलदार, कलेक्टर, विधायक, सांसद, शिक्षा सचिव और शिक्षा मंत्री तक गुहार लगाई गई, लेकिन किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
वित्त विभाग से क्यों नहीं मिल रहा परमिशन: संघ के सदस्यों ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा 2 जून को जारी आदेश में कहा है कि शासकीय व्यय मेें मितव्ययिता एवं वित्तीय अनुशासन में स्पष्ट कहा गया है कि ऐसे प्रकरणों में जहां भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वहां भर्ती प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है, किंतु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से सहमति लिया जाए। मुख्यमंत्री के स्वयं वित्त विभाग अपने पास रखे है और संतोषप्रद जवाब अभी तक प्राप्त है। शासन हमें कुछ तो आश्वासन दें।
आंदोलन की दी चेतावनी: छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ ने कहा कि शिक्षा विभाग के उदासीन रवैैये के कारण सभी चयनित अभ्यर्थी आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं। अगर शासन द्वारा इस महीने के आखिर तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो जुलाई में राज्य सरकार के खिलाफ एक वृहद आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। संघ के सदस्यों ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंटिंग और लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए आंदोलन किया जाएगा।

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