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पोषण अभियान के दौरान 23 से 30 सितम्बर तक आयोजित होगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

गृहभ्रमण कर मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खिलाएंगी अल्बेंडाजॉल की गोली

दुर्ग। जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन 23 सितंबर से 30 सितंबर 2020 तक किया जायेगा। जिसमें समुदाय स्तर पर मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 1 से 19 वर्षीय बच्चों एवं किशोर/ किशोरियों को कृमिनाशक दवा अल्बेंडाजॉल गृह भ्रमण कर खिलायी जायेगी। कृमि संक्रमण का पोषण विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैI  इससे बच्चों और किशोरों में एनिमिया हो सकता हैं। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम तथा एनिमिया मुक्त भारत के अंतर्गत स्वास्थ कर्मचारी कोविड-19 के सुरक्षा उपायों का पूरा पालन करते हुए घर-घर जा कर बच्चों, किशोरों और किशोरियों को अल्बेंडाजॉल तथा ऑयरन एवं फोलिक एसिड की गोली  खिलाएंगे।

सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान आगामी 23 सितम्बर से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। हर वर्ष 8 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। परंतु इस वर्ष कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए इस कार्यक्रम की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया ।

प्रदेशभर में 1 से 19 वर्ष के 1.12 करोड़ बच्चों एवं किशोर/ किशोरियों को पेट के कीड़ों  से बचाने के लिए को कृमिनाशक अल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। शासन द्वारा कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए कन्टेनमेंट जोन और बफर जोन में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। कन्टेनमेंट जोन में स्थिति सामान्य होने के बाद ही यह सेवा प्रदान की जायेगी। जबकि बफर जोन में सामान्य दिशा निर्देशों का पालन कर सेवाएं जारी रखी जायेगी। दुर्ग जिले के सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कृमि मुक्ति कार्यक्रम में बालोद जिले के लगभग 5 लाख बच्चों, किशोर व व्यस्क को अल्बेंडाजॉल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष कोरोना संकट की वजह से शिक्षण संस्थानों में कृमि की दवा नहीं दी जाएगी। स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान बंद होने की वजह समुदाय स्तर पर डोर-टू-डोर सोशल डिस्टेंडिंग का पालन करते हुए यह कार्यक्रम मनाया जाएगा ।

इस वर्ष बच्चों को दवाई मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर दी जाएगी। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली (200 एमजी) अल्बेंडाजॉल तथा 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली (400 एमजी) की दवा खिलाई जाएगी। अल्बेंडाजॉल की गोली बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है। दवा खाने के उपरांत यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव हो तो प्रबंधन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा  रहेगी। कृमि मुक्ति दिवस पर गर्भवती महिलाओं और बीमार बच्चों को अल्बेंडाजॉल की गोली नहीं दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में 2 बार कृमि मुक्ति कार्यक्रम मनाया जाता है, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की समान भागीदारी होती है। लेकिन इस वर्ष सप्ताहिक कार्यक्रम कर बच्चों को निःशुल्क अल्बेंडाजॉल गोली खिलाकर राज्य में कृमि संक्रमण से मुक्ति का प्रयास किया जाएगा। उक्त कार्यकम के दौरान दवा सेवन के पश्चात् किसी प्रकार के प्रतिकूल प्रतिक्रिया होने पर अतिशीघ्र उपचार किया जा सकें इसके लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रो को चैबीसों घंटे खुला रखने के साथ ही सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूलों से 108 एम्बुलेंस सेवा एवं चिरायु दल द्वारा द्वारा पीड़ितों को निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में रिफर करने को कहा गया है । कार्यक्रम के दौरान कोविड 19 के समस्त निर्देेशो का पालन किया जाना अनिवार्य है।

कृमि संक्रमण के लक्षण-

कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे के शरीर में खून की कमी हो जाती है। वे हमेशा थकान महसूस करते हैं उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास भी बाधित होता है। एवं बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय-

नाखून साफ और छोटे रखें, हमेशा साफ और स्वच्छ पानी ही पीऐं, खाने को ढक कर रखें,  साफ पानी में अच्छे से फल व सब्जियां धोएं, घरों के आसपास साफ. सफाई रखें, खुले में शौच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें,अपने हाथ साबुन से धोए विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद।

कृमि मुक्ति कार्यक्रम को लेकर सीएमएचओ डॉ. सिंह ने बताया कृमि संक्रमण चक्र की रोकथाम के लिए यह गोली बच्चों को देना आवश्यक है। ताकि बच्चों को भोजन से मिलने वाले पोषण आहार को कृमि नष्ट न कर दें। कृमि बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा और संपूर्ण विकास को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। कृमिनाशक की गोली से बच्चों के संपूर्ण शारीरिक व मानसिक विकास में मदद मिलती है। इसलिए कृमि नाशक गोली खिलाना आवश्यक है।

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