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छत्तीसगढ़ के साथ गरीब कल्याण योजना में यह सौतेला व्यवहार क्यों : कांग्रेस

0-मोदी सरकार की यह कैसी गरीब कल्याण योजना?
0-गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के सर्वाधिक प्रतिशत वाले छत्तीसगढ़ का ही स्थान नहीं
0-15 साल के कुशासन, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और जनविरोधी नीतियों से रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ को बनाया गरीबी रेखा में नंबर वन और अब गरीब कल्याण योजना से भी वंचित करने का षड्यंत्र में सहभागिता जारी है।
0-छत्तीसगढ़ के गरीब मजदूरों को 1000 करोड़ की गरीब कल्याण योजना से वंचित कर किस बात का बदला ले रही है मोदी सरकार?
0-भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को गरीब कल्याण योजना के लायक क्यों नहीं समझती?

रायपुर। डॉ रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और 15 साल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे है। रमन सिंह के 15 वर्षो के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, कुशासन और जनविरोधी नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ को गरीबी के मामले में देश में नंबर वन बनाया गया। अब फि र से भाजपा नेताओं का गरीब विरोधी चरित्र उजागर हो गया है। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं और सांसदों द्वारा छत्तीसगढ़ को गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 5 लाख से मजदूरों को मोदी सरकार द्वारा भी वंचित करने को जायज ठहराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

एन एस एस ओ के आंकड़ों के आधार पर छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या 47.9प्रतिशत है और यह पूरे देश में सर्वाधिक है। गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों का राष्ट्रीय औसत शहरी क्षेत्रों के लिए 13.7प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 25.7प्रतिशत है। गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल किए गए राज्य उड़ीसा(45.9 प्रतिशत), मध्य प्रदेश(44.3 प्रतिशत), झारखंड(42.4 प्रतिशत) और बिहार(41.3 प्रतिशत) का गरीबी रेखा के मामले में नंबर क्रमश: 2, 3, 4 और 5 है। गरीब कल्याण योजना में राजस्थान को भी शामिल किया गया है जहां गरीबी रेखा का आंकड़ा छत्तीसगढ़ के आधे से भी कम 21.7 प्रतिशत है, पर सर्वाधिक गरीबी रेखा प्रतिशत वाले राज्य छत्तीसगढ़ को दुर्भावना पूर्वक छोड़ दिया गया है! भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री, 9 सांसद लोकसभा के, दो राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री बताए कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की गरीब जनता से किस बात का बदला लेना चाहती है? हाल ही में मोदी सरकार द्वारा जून के अंतिम सप्ताह में देश कि नवरत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड के 41 खदानों के निजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई, जिनमें से 9 कोल खदाने छत्तीसगढ़ की है!

जब मोदी सरकार को खदान बेचना होता है तो छत्तीसगढ़ की याद आती है पर गरीबों के कल्याण के लिए कोई योजना चालू करना होता है तो छत्तीसगढ़ की याद नहीं आती! छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ के साथ गरीब कल्याण योजना में यह सौतेला व्यवहार क्यों? कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का बदला मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता और मजदूरों से ले रही है। भाजपा के रमनसिंह जैसे नेता और सांसद मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी, किसान विरोधी और आम जनता विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। छत्तीसगढ़ की जनता कभी उनको माफ नहीं करेगी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह दुख का विषय है कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य राज्य के हिसाब से मजदूरों में भेदभाव कर रही है।

लॉकडाउन और लॉकडाउन में कुप्रबंधन के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार को मानवता और नैतिकता के नाते भी छत्तीसगढ़ के इन 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों के प्रति इन मजदूरों को मदद करनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को मदद मोदी सरकार का फर्ज था और है। 1200 करोड़ रुपए से अधिक की मजदूरों की सिफ रोजी की राशि केंद्र की भाजपा सरकार पर मजदूरों का कर्ज है। इन मजदूरों के प्रति अपना फर्ज निभाने और अपने पर कर्ज चुकाने के बजाए मजदूर कल्याण योजना से मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को बाहर कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों गरीबों और पूरे राज्य के जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम किया है।
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