शत प्रतिशत सुरक्षा, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ रिकार्ड उत्पादन की ओर अग्रसर एनटीपीसी तलाईपल्ली परियोजना

ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोतों की कमी से कोयला उत्पादन कर निरंतर बढ़ रहा दबाव: बंदोपाध्याय

प्रेसवार्ता में एनटीपीसी माइनिंग के जीएम ने दी परियोजना से जुड़ी जानकारी

रायगढ़। करीब 4 साल पहले माइनिंग परियोजना को लेकर घरघोड़ा में स्थापित हुई एनटीपीसी तलाईपल्ली ने विकास में परिवर्तन और प्रगति की मिसाल कायम करते हुए न केवल रिकार्ड कोल उत्पादन में अपनी दावेदारी मजबूत की है बल्कि शत प्रतिशत सुरक्षित खदान का तमगा भी अपने नाम किया है। इसके अलावा 17 हजार से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी संदेश देते हुए देश की महारत्न कंपनी सामाजिक विकास में भी अहम भागीदारी निभा रही है।
एनटीपीसी तलाईपल्ली परियोजना के कोयला उत्पादन से लेकर सामाजिक सरोकार और प्राकृतिक संरक्षण से संबंधित योगदानों की जानकारी शनिवार को रायकेरा के प्रशासनिक भवन में एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक श्री बंदोपाध्याय ने दी। उन्होंने बताया कि करीब 5 हजार एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली तलाईपल्ली माइनिंग में इस वर्ष 6 मिलियन टन कोल उत्पादन का लक्ष्य मिला है। इसे पूरा करने के लिए परियोजना का पूरा प्रबंधन जुटा हुआ है। जीएम बंदोपाध्याय ने खदान में कोल खनन से लेकर माइनिंग में निगरानी और सुरक्षा से जुड़े संसाधनों को विडियो के माध्यम से दर्शाकर आश्वसत किया कि तलाईपल्ली माइनिंग में सुरक्षा का भरपूर ध्यान रखा गया है। यही वजह है कि इस परियोजना को शत प्रतिशत सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग के साथ सौ अंक मिले हैँ। इसके बावजूद माइंस में सुरक्षा के दृष्टिकोण से मशीनी संसाधन जैसे ट्रैकिंग डिवाइस, अलार्म और पैनिक बटन लगाने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि बीते 11 नवंबर 2022 से कोयले का परिवहन एनटीपीसी लारा तक रेल मार्ग के जरिए हो रहा है। अब तक 1220 रैक रेल से पॉवर प्लांट तक भेजी गई है। प्रेसवार्ता में एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास औसत दर्जे का जी-13 ग्रेड कोयला उपलब्ध है, किन्तु उसे भी टेस्टिंग लैब से गुजरने के बाद ट्रांसपोर्ट के लिए अनुमति दी जाती है। सुरक्षा को लेकर सजग एनटीपीसी तलाईपल्ली परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि रोजाना सुरक्षा प्रतिज्ञा के साथ खदान में काम शुरु होता है।प्रेसवार्ता के दौरान एनटीपीसी के विभिन्न विभागों के अधिकारियों समेत जनसंपर्क अधिकारी ललित कुमार मौजूद रहे। प्रेस मीट के आरंभ मे आमंत्रित पत्रकारों का सम्मान जीएम बंदोपाध्याय ने गमला और गमछे से किया वहीं समापन भी स्नेह भोज के साथ किया गया।

कोल प्रोजक्ट में पहला बालिका सशक्तिकरण अभियान

जीएम श्री बंदोपाध्याय ने बताया कि केंद्र सरकार की बालिका सशक्तिकरण योजना वैसे तो सभी उपक्रमों में संचालित है, लेकिन तलाईपल्ली परियोजना पहला कोल उपक्रम हैं जिसकी सहभागिता इस अभियान में भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 4 हजार बालिकाओं को टाउनशिप में बने बाल भवन में रखकर विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षण के साथ सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है। जिसमें तिलोत्तमा समिति के महिलाओं की भी सहभागिता शामिल है। तलाईपल्ली परियोजना के प्रभावित 478 गांवों को आर्थिक व सामाजिक तौर पर सुदुढ़ करने के लिए एनटीपीसी जनसरोकार मद में हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके अंतर्गत सिलाई, ड्राइविंग, कौशल प्रशिक्षण समेत अन्य कई प्रकार की ट्रेनिंग देकर यथासंभव रोजगार और व्यवसाय के माध्यम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

कोयला उत्पादन का बढ़ा दबाव

प्रेसवार्ता में तलाईपल्ली परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश में ऊर्जा के वैकल्पिक श्रोतों को लेकर कोई भी गंभीरता नजर न आने से ऊर्जा उत्पादन का पूरा दबाव कोयले पर आ गया है यही वजह है कि एनटीपीसी जैसी महारत्न कंपनी को लेकर खनन के क्षेत्र में उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कानूनी उलझन और अन्य समस्याओं के कारण तलाईपल्ली परियोजना में भी लक्ष्य के अनुरुप कोयला का उत्पादन नहीं हो पा रहा, जबकि कोयले की कमी से पूरे देश में ऊर्जा संकट का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिए खनन क्षमता बढ़ाने का भरपूर दबाव है। उन्होंने बताया कि पिछले साल 24 लाख मिट्रिक टन उत्पादन के बाद अब इस साल उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 60 लाख मिट्रिक टन करने का लक्ष्य दिया गया है। जीएम श्री बंदोपाध्याय ने बताया कि तलाईपल्ली परियोजना का लक्ष्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के साथ सामाजिक विकास करना है और परियोजना इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है। पुर्नवास और रोजगार को लेकर प्रभावित ग्रामीणों में आक्रोश से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए जीएम ने बताया कि यथासंभव रोजगार का विकल्प सुझाया जा रहा है। वहीं पुर्नवास को एक बड़ी चुनौती मानते हुए श्री बंदोपाध्याय ने कहा कि ज्यादातर प्रभावित नौकरी के एवज में लिखित रुप से निर्धारित राशि आहरित कर चुके हैं और अब काम के लिए भी दबाव बना रहे हैँ।

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