इलाज के अभाव में अस्पताल से भाग रहा था कोरोना मरीज

ड्यूटी पर तैनात पुलिस बनी रही मुकदर्शक
रायगढ़. जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा लगातार अस्पताल तैयार किया जा रहा है, ताकि मरीजों का उपचार हो सके, लेकिन इन अस्पतालों में सही उपचार नहीं होने से संक्रमित बगैर बताए अस्पताल से भाग रहे इस दौरान शनिवार को एक कोरोना मरीज हाथ में स्लाइन लिए अस्पताल से बाहर निकल गया, इस दौरान गेट पर बैठे पुलिस जवान देखते रहे, हालांकि सिक्यूरिटी गार्डों के द्वारा काफी समझाईश के बाद उसे दोबारा भर्ती कराया गया।

मिली जानकारी के अनुसार जिले में तेजी से बढ़ रहे मरीजों के साथ जिन मरीजों की स्थिति गंभीर हो रही है उसे कोविड केयर अस्पतालों में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है, लेकिन यहां भर्ती मरीजों का कहना है कि इन अस्पतालों में सही तरीके से उपचार नहीं हो रहा है, इस कारण यहां से भाग रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शनिवार को देखने को मिला। इस दौरान खरसिया ब्लाक के छोटे डूमरपाली निवासी रविचंद्र भारद्वाज सप्ताहभर पहले कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिससे उसे उपचार के लिए २०० बेड मेडिकल कालेज कोविड केयर में भर्ती कर उपचार चल रहा था। इस दौरान शनिवार को सुबह करीब ११.३० बजे उसके घर से दो महिलाएं पहुंची, इस दौरान मरीज रविचंद्र को स्लाईन चढ़ रहा था, जिससे महिलाओं ने स्लाईन को हाथ में पकडक़र मरीज को ले जाने लगी। इस दौरान अस्पताल के गेट पर सिक्यूरीटी गार्ड और पुलिस जवान के होने के बाद भी परिजनों ने मरीज को गेट से बाहर लेकर निकल गई और पैदल ही लेकर जाने लगी, लेकिन इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवानों ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया। हालांकि गार्डों द्वारा रोका जा रहा था, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर चलते बने। इस दौरान सिक्यूरिटी गार्ड सुपरवाइजर मौके पर पहुंचा और उनको समझाईश देकर वापस लाया गया। इसके बाद दोबारा उसे भर्ती कराया गया है।
इस संबंध में जब डूमरपाली निवसी रविचंद्र भारद्वाज के पत्नी से बात की गई तो उसका कहना था कि इस अस्पताल में सही उपचार नहीं हो रहा है। विगत ७ दिन से यहां भर्ती है, लेकिन अभी तक इसका बुखार खत्म नहीं हुआ है, साथ ही यहां के कर्मचारियों द्वारा स्लाइन लगाकर छोड़ दिया जाता है, कई बार स्लाईन खत्म होने के बाद उसे निकालने के लिए भी काफी हल्ला करना पड़ता है। तब जाकर निकाला जाता है, ऐसे में कई बार पाइप में ब्लड भी आ जाता है। इस कारण यहां से मरीज को ले जा रहे हैं।
जिले की गंभीर स्थिति को देखते हुए कोविड केयर अस्पताल के गेट पर शासन द्वारा एक एसआई, एक महिला पुलिस व दो-तीन सिक्यूरिटी गार्ड को तैनात किया गया है। ताकि कोई भी मरीज अस्पताल से भाग न सके, लेकिन इसके बाद भी शनिवार को मरीज व परिजन मेडिकल कालेज के दूसरे गेट से बाहर निकल गए, इस दौरान न तो एसआई ने रोका और न ही महिला पुलिस ने। हालांकि गार्डों ने उसे रोकने का प्रयास किया, लेकिन जो पुरुष था वह संक्रमित था इस कारण उसे छू नहीं सकते, साथ ही महिला होने के कारण उसे पकडऩे के लिए महिला होना चाहिए, इस कारण मरीज व परिजन अस्पताल से बाहर निकल गए।
ऐसे में बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा
कोविड केयर अस्पताल में सही उपचार नहीं होने के कारण मरीज अस्पाल से भाग रहे हैं। ऐसे में अगर और मरीज भागे होंगे तो कई लोगों को संक्रमित कर चुके हैं। जिससे उपचार में कमी और सुरक्षा में कमी दोनों सामने आ रहा है।

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