
दिनेश दुबे
आप की आवाज
महंगाई- देश की जनता पर, मोदी प्रायोजित आपदा, बहुत हुई महंगाई की मार , आओ बदले मोदी सरकार
*महंगाई देश की जनता पर मोदी सरकार प्रायोजित आपदा है*
*नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक कुप्रबंधन , निजी करण, विदेश नीति की असफलता,मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन से बने हैं*
बेमेतरा– मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में बढ़ती बेतहाशा महंगाई के विरोध में भारतीय कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर जन जागरण अभियान को प्रभावी बनाने हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशानुसार महंगाई के मुद्दे को प्रभावी ढंग से आम जनता के बीच पहुंचाने के उद्देश्य से 18 से 22 नवंबर के बीच प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को जिलेवार जवाबदारी दी गई है।
जिसके तहत बेमेतरा जिला में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी अध्यक्ष खादी ग्राम उद्योग बेमेतरा, विधायक आशीष छाबड़ा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बंसी पटेल द्वारा मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण बड़ी महंगाई के मुद्दे पर बेमेतरा जिला में विधायक निवास पर एक पत्रकार वार्ता ली गई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र तिवारी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मोदी सरकार की अकर्मण्यता और मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण देश की जनता महंगाई से परेशान है बदहाल है नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से रोजमर्रा के सामानों की कीमत दुगनी हो गई है। महंगाई देश की जनता पर मोदी सरकार प्रायोजित आपदा है साबित हो रहा है कि मोदी और उनकी सरकार की प्राथमिकता में गांव गरीब किसान मजदूर आम आदमी है ही नहीं मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए कभी कोई योजना नहीं बनाया मोदी सरकार ने चंद्र उद्योग पतियों को फायदा पहुंचाने के लिए योजना बनाया उसका क्रियान्वयन किया।
देश में बिकने वाली दाले और खाद्य तेल का 70 प्रतिसत हिस्सेदारी सिर्फ एक ही उद्योग घराने अडानी का है । देश में उत्पादित कोयले का अधिकांश एकाधिकार प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष तौर पर अडानी का है। महंगाई बढ़ने के जो पांच महत्वपूर्ण कारण है जो सीधे-सीधे मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन से बने हैं। नोटबंदी, जीएसटी, आर्थिक कुप्रबंधन , निजी करण, विदेश नीति की असफलता मुख्य बिंदु है।
नोटबंदी – नोटबंदी का दुष्परिणाम यह हुआ कि अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई उद्योग धंधे व्यापार चौपट हो गए जो आज दिनांक तक नहीं सुधरे हैं जिसके कारण ही महंगाई बढ़ी।
जीएसटी – कई स्लैब में लागू जीएसटी के चलते अनेक वस्तुओं पर आत्तकिक करारोपण किया एवं वस्तुओं के दाम बढ़ गए।
आर्थिक कुप्रबंधन – आर्थिक कुप्रबंधन महंगाई बढ़ाने का बड़ा कारक से दुआ असंगत करारोपण देता था एक्साइज टैक्स के कारण डीजल पेट्रोल के दाम बढ़े जो महंगाई को बढ़ाने में बड़ा कारण बना।
निजी करण- निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली नीति के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हतोत्साहित हुई से महंगाई बढ़ी।
विदेश नीति की असफलता – मोदी सरकार पड़ोसी राज्यों से बेहतर तालमेल बनाने में असफल साबित हुए जिसके कारण पड़ोसी राज्यों से आयात होकर आने वाली महत्वपूर्ण सामग्रियों के दाम बढ़े ,जिससे महंगाई बढ़ी।
राजेंद्र तिवारी ने कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर तुलनात्मक अध्ययन पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश में मोदी सरकार आने के बाद देश में महंगाई दुगनी हो गई। जैसे पेट्रोल डीजल में, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली ,तेलों में, प्याज, शक्कर, में, चना दाल उड़द की दाल मूंग दाल अरहर दाल में, यूपीए सरकार 2013 की तुलना में भाजपा सरकार 2021 में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है जिससे आम जीवन जीने वाले व्यक्तियों पर महंगाई का बोझ बढ़ा है।
राजेंद्र तिवारी ने आगे बताया कि मोदी सरकार के 7 वर्षों में नहाने का साबुन 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई , कपड़ा धोने के साबुन मैं 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, कपड़ों के दामों में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जूतों के दामों पर 25 प्रतिशतकी वृद्धि हुई है, मकान बनाने की लागत दुगनी हुई है।
उन्होंने आगे बताया कि किसानों को भी उर्वरक पोटाश सुपर फास्फेट डीएपी में भी अत्यधिक वृद्धि की गई है जिससे महंगाई बढ़ी है। रेल टिकट एवं दवाओं पर भी अत्यधिक वृद्धि की गई है। स्कूली बच्चों के कॉपी किताब स्टेशनरी में 70 प्रतिशतकी वृद्धि की गई है । बैंकों का लेनदेन भी महंगा हुआ है । महिलाओं के सुंदर प्रसारण में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन सभी वास्तविकता को देखते हुए महंगाई देश की जनता पर मोदी प्रायोजित आपदा परिलक्षित होती है। महंगाई की मार से बचने के लिए आम जनता को अपने स्तर पर महंगाई का मूल्यांकन करते हुए मोदी सरकार को बदलने अपना योगदान देना सुनिश्चित करना होगा।