
केंद्र के पास क्यों नहीं है ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा? खुद बताई वजह
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र में कोरोना संक्रमण का मुद्दा छाया हुआ है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा केंद्र सरकार के पास क्यों नही हैं इसका जवाब शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में दिया. उन्होंने कहा, केंद्र दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड रोगियों की मौत पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से डेटा मांगा था, लेकिन जवाब सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक लिखित जवाब में कहा कि पंजाब ने एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अमृतसर जिले के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार लोगों की मौत होने की आशंका है.
उन्होंने कहा, ‘इस विषय पर डेटा के लिए 29 नवंबर, 2021 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईमेल भेजा गया है.’ पर जवाब सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश की ओर से ही आया है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों की रिपोर्टिंग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और तदनुसार, वे नियमित रूप से मामलों और मौतों की रिपोर्ट मंत्रालय को देते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने बताया कि भारत में 3.46 कोविड-19 के मामले रिपोर्ट किए गए, जबकि 4.6 लाख लोगों ने इस खतरनाक वायरस के चलते अपनी जान गंवाई. कोरोना मृतकों की संख्या रिपोर्ट किए गए कोविड मामलों का 1.36 फीसदी है. उन्होंने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर 5,000 मामले और 340 मौतें दर्ज की गईं. यह दुनिया में सबसे कम में से एक है.
सरकार के जवाब पर हुआ था हंगामा
इससे पहले सरकार ने संसद में कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई. सरकार ने यह दावा राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर किया था. इसके बाद से विपक्षी दल सरकार पर हमलावर थे. इसके बाद केंद्र ने दोबारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से साल की शुरुआत में आई कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मौतों का डेटा मांगा था.