कमिश्नर सुश्री जिनेविवा किण्डो ने दुलदुला के नोनियाकला गौठान का किया निरीक्षण
गौठान में चल रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन के कार्यो का कमिश्नर ने लिया जायजा, स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मौसमी सब्जियों के साथ ही मिर्च, अदरक की खेती के लिए किया प्रोत्साहित
जशपुरनगर 29 दिसम्बर 2020/सरगुजा संभाग कमिश्नर सुश्री जिनेविवा किण्डो ने विकासखंड दुलदुला के 8 एकड़ में विस्तृत नोनियाकला गौठान का निरीक्षण किया। उन्होंने गौठान से जुड़े गौठान समिति एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं से गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी, जैविक खाद निर्माण एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी ली। गौठान समिति के अध्यक्ष ने बताया कि गौठान में 7 महिला स्व-सहायता समूह को विभिन्न आजीविका से जोड़कर उनको आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री महादेव कावरे, जिला पंचायत सीईओ श्री के.एस. मंडावी, जनपद सीईओ दुलदुला श्री प्रेम सिंह मरकाम, तहसीलदार दुलदुला श्री विकास जिंदल, अविनाश चैहान एवं अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी सहित समूह की महिलाएं उपस्थित थे।
जैविक खाद निर्माण से जुड़े जय अम्बे समूह की महिलाओ ने कमिश्नर को जानकारी देते हुए बताया कि गौठान में अब तक 143 क्विन्टल गोबर खरीदी की गयी है एवं गोबर विक्रेताओ को राशि का भुगतान सीधे उनके खाते में कर दिया जाता है। महिलाओ द्वारा लगभग 2300 रुपए की जैविक खाद की बिक्री भी की गई है। कमिश्नर ने गौठान में पशुओं के लिए चारा, पानी, कोटना, शेड एवं अन्य सुविधाओं की भी जानकारी ली। समूह की महिलाओं ने बताया कि गौठान एवं चारागाह में पानी की निर्बाध व्यवस्था के लिए सोलर पंप एवं मनरेगा के तहत कुँआ का निर्माण किया गया है। कमिश्नर सुश्री किंडो ने गौठान में चल रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधियों मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन का भी जायजा लेते हुए समूह की महिलाओं को अच्छे से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान सुश्री किंडो ने गौठान से लगे 18 एकड़ के चारागाह में महिलाओ द्वारा विकसित किये जा रहे पोषण वाटिका का भी मुआयना किया। महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा चारागाह में मूंगफली की खेती की गई थी एवं मवेशियों के लिए नेपियर घास लगाया गया है। सुश्री किंडो ने महिलाओ को चारागाह में साग-सब्जी उत्पादन करके भी अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की समझाईश दी। उन्होंने महिलाओं को लाल भाजी, पालक सहित अन्य मौसमी सब्जियां की पैदावार लेने के साथ ही मिर्च, अदरक, हल्दी की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। जिससे उन्हें मुनाफा अधिक हो।