
कांकेर के ऐतिहासिक मेले की शुरुआत, रियासत कालीन इस मेले में शामिल होते हैं 40 परघना के देवी देवता
कांकेर: जिले के पारंपरिक वार्षिक मेले की आज शुरुआत हुई, 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है। रियासत कालीन इस मेले का शुभारंभ हर साल जनवरी माह के पहले रविवार को होता है, जिसमें 40 परघना के देवी देवता सम्मलित होते हैं।
राज महल से पूजा अर्चना के बाद सभी आंगा और डांग मेला भाटा पहुंचते हैं, फिर मेला खंबे की पूजा और मेला स्थल की परिक्रमा के बाद मेले की शुरआत होती है। इसे नवा खाई के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें धान कटाई के बाद फसल से मिले लाभ को ग्रामीण मेले में खरीदी करते है। ऐतिहासिक काल से चली आ रही परंपरा के अनुरूप आज भी मेला लगता है।