
कोयला संकट से जूझ रहे उद्योगपतियों को मिली राहत, 10 जनवरी के पहले होगी ई-नीलामी, कीमत में भी गिरावट
पिछले कई महीनों से कोयला संकट से जूझ रहे उद्योगपतियों को अब राहत मिलने लगी है।
पिछले कई महीनों से कोयला संकट से जूझ रहे उद्योगपतियों को अब राहत मिलने लगी है। अगले महीने 10 जनवरी के पहले पांच वर्षों के लिए कोयले की ई-नीलामी होनी है। बताया जा रहा है कि दिसंबर आखिरी में ई-नीलामी होनी थी, जिसे उद्योगपतियों ने आगे बढ़ाने की मांग की थी। वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार के प्रभाव से इन दिनों कोयला के दाम गिरकर नौ से 10 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है।
13 हजार रुपये टन मिलने वाला विदेशी कोयला का दाम भी गिरा
उद्योगपतियों को अब 13 हजार रुपये टन मिलने वाला विदेशी कोयला भी नौ से 10 हजार रुपये प्रति टन मिल रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि उद्योगों के लिए यह काफी अच्छा संकेत है। ई-नीलामी के बाद तो उद्योगों के पास कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा। गौरतलब है कि इस वर्ष मार्च से लेकर नवंबर तक उद्योग कोयला संकट से जूझ रहे थे। इसकी वजह से मार्च में कोयला 80 हजार रुपये प्रति टन पार हो गया था। उसके बाद से सरिया की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव बना रहा।
सरिया 54 से 55 हजार रुपये प्रति टन पहुंचा
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि कोयला और आयरनओर दोनों की कीमतों में अभी गिरावट जारी है। इसके चलते ही सरिया की कीमतें भी कम है। फैक्ट्रियों में सरिया इन दिनों 54 से 55 हजार रुपये प्रति टन पर उपलब्ध है। अब बाजार में मांग भी निकलने लगी है,इसके चलते आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में थोड़ी तेजी आ सकती है।
रिटेल बाजार में 61 हजार रुपये प्रति टन
रिटेल बाजार में सरिया इन दिनों 60 से 61 हजार रुपये प्रति टन पर उपलब्ध है। कीमतों में अभी स्थिरता बनी हुई है। कारोबारियों का कहना है कि बाजार में अब मांग शुरू होने लगी है।
सीमेंट 315 रुपये प्रति बैग बिक रहा
चिल्हर में सीमेंट इन दिनों 295 रुपये से 315 रुपये प्रति बैग तक बिक रहा है। कारोबारी सूत्रों का कहना है कि बाजार में इसकी मांग अभी काफी कम है।