कोरोना महामारी के कारण बढ़ी यौन हिंसा…..

संयुक्त राष्ट्र: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने दुनियाभर में अनगिनत जिंदगियां तबाह कर दी है. Covid-19 ने करोड़ों लोगों को गरीबी की दलदल में धकेल दिया है. इस बीच कोरोना महामारी के दौरान यौन हिंसा में हुई बढ़ोतरी को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसने सभी को चौंका दिया है. महामारी के कारण बढ़ी यौन हिंसा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी से जुड़ी आवाजाही की पाबंदियों और सीमित आर्थिक अवसर के कारण ‘महिलाओं की तस्करी और यौन हिंसा का खतरा बढ़ा.’ उन्होंने कहा कि महामारी के कारण इराक, सीरिया और यमन में बाल विवाह की घटनाएं बढ़ीं.

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण पिछले वर्ष लिंग आधारित हिंसा (Gender Based Violence) में बढ़ोतरी देखी गई. कई देशों में यौन हिंसा को ‘युद्ध की क्रूर युक्ति’ (Ruthless tactic of war) और राजनीतिक दमन (Political Repression) के तौर पर इस्तेमाल किया गया. इस रिपोर्ट में 18 देशों का जिक्र है, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इसे लेकर उसे वेरिफाइड इंफॉर्मेशन मिली है. इसमें 52 पक्षों का जिक्र है जिनपर हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में ‘बलात्कार या यौन हिंसा के अन्य प्रारूप’ का इस्तेमाल करने का ‘ठोस संदेह’ है. इसमें कहा गया है कि 70 फीसदी से अधिक सूचीबद्ध पक्ष ‘सतत षड्यंत्रकारी’ हैं.

संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल अधिकतर पक्ष ‘राज्येतर तत्व’ (Non-state elements) हैं, जिनमें इस्लामिक स्टेट या अल-कायदा आतंकवादी संगठनों से जुड़े चरमपंथी समूह, बागी या विपक्षी शामिल हैं. इस सूची में शामिल राष्ट्रीय सेना या पुलिस बलों को तब तक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में शामिल होने से रोक दिया गया है जब तक कि वे हिंसा खत्म करने के लिए समयबद्ध प्रतिबद्धताएं नहीं अपनाते हैं. इसमें म्यांमा की सेना और सीमावर्ती गार्ड शामिल हैं.

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