खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु दिशा निर्देश जारी

जशपुरनगर 31 दिसम्बर 2020/ कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु नए जूट बारदानों, पीडीसम बारदानों, मिलरों द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने बारदानों के अतिरिक्त किसान के जूट, बारदानों एवं समितियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पुराने जूट बारदानों के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई है। इस सबंध में किसानों द्वारा उपलब्ध कराए जाकर धान उपार्जन में उपयोग किए गए बारदानों का भुगतान एक मुख्यत 15 रुपए प्रति बारदानें के निर्धारित दर से किया जाएगा। किसान बारदाने के भुगतान हेतु जिला विपणन अधिकारी द्वारा समिति से विगत सप्ताह किसानवार खरीदी की रिर्पोट प्राप्त कर सत्यापित कर मुख्यालय को प्रत्येक सप्ताह प्रेषित की जाएगी । इसका प्रावधान एन.आईसी द्वारा साफ्टवेयर में किया गया है। मुख्यालय द्वारा राशि अपेक्स बैंक को प्रदाय किया जाएगा। बैंक द्वारा यह राशि किसानों के खाते में अंतरित किया जाएगा। समिति द्वारा धान उपार्जन हेतु उपलब्ध कराया जाकर उपयेाग हो चुके पुराने जूट बारदाने की एन्ट्री समिति स्तर से प्राप्त की जाएगी। किसान बारदानों के भांति ही क्रमांक 2 मंे उल्लेखनित प्रक्रिया अनुसार आगामी सप्ताह में समितियों को राशि का भुगतान किया जाएगा। उठाव उपरांत मिलर द्वारा यह बारदाने समितियों को वापस किए जाएगें। समितियों के बारदानों का उपयेागिता शुल्क देय होगा। मिलर द्वारा बारदाना वापस नहीं करने की स्थिति में पुरानें बारदानें की निर्धारित दर अनुसार राशि संबंधित समिति को लेखा मिलान के समय अतिरिक्त प्रदाय किया जाएगा। तथा अंतर की राशि संबंधित को लेखा मिलान के समय अतिरिक्त प्रदाय किया जाएगा तथा अंतर की राशि संबंधित मिलर से बिल में समायोजित की जाएगी।
समितियों एवं किसानों से प्राप्त बारदानों की गुणवत्ता समिति किसानों द्वारा उपलब्ध कराए गए केवल पुराने जूट बारदानों में ही धान की खरीदी की जाए। समिति किसान द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदाने कट-फटे किस्म के नहीं होने चाहिए। समिति किसान के बारदाने अच्छी अवस्था में एवं उपयोगी किस्म के होने चाहिए। समिति, किसान से प्राप्त पुराने जूट बारदानें ऐसे किस्म के होने चाहिए जिसमें 40 किलोग्राम धान की भरती हो सके। समिति किसान के पुराने बोरे धान खरीदी हेतु उपयोग किए जाने पर आवश्यकतानुसार खरीफ वर्ष 2020-21 का स्टेंसिल स्तर पर लगाया जाए। समिति किसान के ऐसे बारदानों का धान खरीदी व्यवस्था हेतु उपयोग किया जाए जिसमें किसी भी प्रकार से धान की गुणवत्ता एवं मात्रा प्रभावित न हो। अन्यथा इससे होने वाली हानि स्थानीय स्तर पर धान उपार्जन करने वाली समिति द्वारा वहन करनी होगी।
किसान द्वारा बारदानोें में भरकर लाए गए धान की पहले पलटी खरीदी केन्द्र में की जाए तत्पश्चात् धान की गुणवत्ता देखी जाए एवं आर्द्रत की माप की जाए। औसत अच्छा किस्म का धान होने पर ही किसान के पुराने जूट बारदाने में स्टेकिंग पश्चात् धान भरकर तौल की कार्यवाही जाए एवं उसके बाद बारदाने की उचित सिलाई कर स्टेंिकग की कार्यवाही की जाए। समिति किसान के बोरे धान खरीदी हेतु उपयोग होने पर उसे मिलिंग पश्चात् वापस किसान को किया जाए।