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छत्तीसगढ़ एकता मंच ने दिया जल, जंगल, जमीन बचाओ आंदोलन तमनार जिला (रायगढ़) को अपना समर्थन

रायगढ़। प्रदेश के इस जिले को छत्तीसगढ़ के एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है‌। वहीं रायगढ़ जिले को विकास के नाम पर शुरू से ही छला जा रहा है, यहां लगातार विकास के नाम पर सरकार के द्वारा किसानों की जल, जंगल, जमीन को उद्योग पतियों द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाता है। जनता की जमीन को तो सरकार अधिग्रहित कर लेती है, वहीं जिले के लोगों को उद्योग लगने से विकास व रोजगार को लेकर एक आस रहती है लेकिन क्षेत्र के विकास और रोजगार को लेकर पिछले 20 वर्षों का हम अध्ययन करें तो आज तक तमनार एवं रायगढ़ जिले के लोगों का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक किसी भी प्रकार का कोई विकास नहीं हुआ है। बल्कि क्षेत्र में लगातार प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। आज रायगढ़ जिला पूरे देश में सबसे ऊपर प्रदूषण के मामले पर खड़ा हो गया है। वहीं प्रदूषण की वजह से कई प्रकार की बीमारियों का क्षेत्रवासियों को सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में विस्थापन की जो समस्या है वह लोगों के लिए एक भयावह माहौल खड़ा करता जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले पीढ़ी की पहचान खत्म हो जाएगी। क्षेत्र के लोगों का मान, सम्मान, स्वाभिमान सब खत्म होता जा रहा है।

इसी बीच जल जंगल जमीन बचाओ आंदोलन गांव बचाओ खेत बचाओ आंदोलन तमनार एवं पूरे जिले में चला रहे इसका समर्थन देने के लिए छत्तीसगढ़ एकता मंच ने भी कमर कस ली है और अपना समर्थन दिया है। इसमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज यादव एवं उनकी पूरी टीम तमनार में एक बैठक कर प्रदेश के कार्यकारिणी के विस्तार को लेकर भी चर्चा किया गया। जल, जंगल,जमीन बचाओ आंदोलन चला रहे गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के राजेश सिंह मरकाम, सुरेंद्र पटनायक एनएफआईटीयू के जिला कार्यकारी अध्यक्ष (रायगढ़), मीडिया प्रभारी सरोज श्रीवास, जिला उपाध्यक्ष निरंजन गुप्ता, ब्लाक अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हरी गुप्ता, जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा गोंगपा जय प्रकाश जगत की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ एकता मंच के साथ संयुक्त बैठक की गई। जिसमें छत्तीसगढ़ एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने इस आंदोलन को अपना साथ देने के लिए और छत्तीसगढ़ में इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी आंदोलन बनाने के लिए अपना समर्थन दिया। छत्तीसगढ़ एकता मंच से ऐला राम जोल्हे, मनमोहन वैष्णव एवं बलरामकृष्ण यादव भी उपस्थित रहे।

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