जमाना कहा से कहा पहुंच गया लेकिन आज भी गुफाओं में रहने को मजबूर है ये लोग, जानिए इसके बारे में सब कुछ

दुनिया आज कहां से कहां पहुंच गई है और विज्ञान ने जिंदगी को आसान बना दिया है. लेकिन इन सबके बीच पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान में आज भी कुछ लोग आदिमानव जैसी जिंदगी बिता रहे हैं और गुफाओं में रहने को मजबूर हैं. जानिए कौन हैं ये लोग और क्‍यों गुफाओं में रहते हैं. शांति के लिए रह रहे हैं गुफा में पाकिस्‍तान के दक्षिणी वजिरिस्‍तान जिले में कुछ लोगों ने गुफाओं में रहने का तरीका निकाला है. साउथ वजिरिस्‍तान वो हिस्‍सा है जहां पर आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए कई मिलिट्री ऑपरेशंस चलाए गए हैं. यहां पर मिलिट्री ऑपरेशंस और आए दिन होने वाली हिंसा ने लोगों को अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. वहीं कुछ लोग गरीबी के चलते अपनी जगह छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. इनका कहना है कि कम से कम गुफाओं में रहने से उन्‍हें शांति तो मिलेगी. मौसम और दूसरी मुश्किल स्थितियों के बाद भी ये लोग गुफाओं से जाने को तैयार नहीं हैं.खराब मौसम के बाद भी रह रहे हैं गुफा दक्षिणी वजिरिस्‍तान के सरारोगाह में आपको ऐसे कई लोग नजर आ जाएंगे जिनका घर गुफाओं में है. अफगानिस्‍तान बॉर्डर पर स्थित इस जगह पर आपको कई घर ऐसे मिल जाएंगे. तोरखम एतिहासिक शागाई किले के करीब एक नहीं कई घर ऐसे हैं जो गुफाओं में है. गुफाओं के घर ऐसे हैं जो कठोर पत्‍थर के अंदर बने हैं और गर्मियों में ठंडे रहते हैं. तीन माह तक जब कठोर गर्मी पड़ती है तो ये घर ठंडे रहते हैं. लेकिन जब सर्दी होती है तो घर एकदम ठंडे हो जाते हैं. दक्षिणी वजिरिस्‍तान के लाला चीना, शागाई, कट्टा कुश्‍ता और अली मस्जिद में रहने वाले 3000 ये 4,500 लोग पिछले कई वर्षों से गुफाओं में रह रहे हैं.गरीबी बनी बड़ी वजह यहां के लोगों की मानें तो गुफाओं में रहना प्राचीन काल का चाल-चलन है. पेशावर के मोहम्‍मद आफरीदी कहते हैं कि आज भी स्‍थानीय लोग कंक्रीट के घरों के निर्माण का खर्च नहीं उठा सकते हैं. उनका कहना हैं कि पहले यहां के प्राकृतिक गुफाओं में रहते थे लेकिन अब सीमित जगह की वजह से लोगों ने पहाड़ों में घर बनाने शुरू कर दिए हैं ताकि परिवार को रखा जा सके. स्‍थानीय लोगों की मानें तो बहुत ज्‍यादा गरीबी की वजह से लोगों को ऐसी गुफाओं में रहना पड़ता है.आतंकवाद बना मजबूरी इसी तरह से कुछ और जगहों पर भी लोग गुफाओं में रह रहे हैं. एक नागरिक की मानें तो गरीबी के अलावा आतंकवाद की वजह से अपना घर छोड़कर गुफाओं में रहने को मजबूर हैं. उनका कहना था कि आतंकवाद की वजह से लोगों के घर नष्‍ट हो चुके हैं. ऐसे में उन्‍हें गुफाओं में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. कुछ लोगों ने गुफाओं को अब अपना स्‍थानीय घर बना लिया है. इसी तरह से इस्‍लामाबाद के उत्‍तर-पश्चिम में भी कुछ लोग गुफाओं में रहने लगे हैं. ये घर बम-प्रूफ और भूकंप से रक्षा कर सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button