तमिलनाडु में छिपा था हत्या का आरोपी, पुलिस ने जाल बिछाकर धर दबोचा

रायगढ़, 17 मई : रायगढ़ जिले की चक्रधरनगर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल द्वारा फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जारी सख्त निर्देशों के तहत एक सनसनीखेज हत्या मामले में वांछित आरोपी बसंत चौहान को पुलिस ने तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी फरारी के दौरान अपनी पहचान छिपाकर वहां मजदूरी कर रहा था और पुलिस को चकमा देने के लिए मोबाइल फोन भी बंद कर रखा था।

पूरा मामला 12 मार्च की सुबह जामगांव रेलवे ट्रैक पर एक युवक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई थी। शुरूआती जांच में हादसा प्रतीत हो रही घटना का पुलिस ने मात्र 12 घंटे में खुलासा कर यह स्पष्ट कर दिया कि यह एक सुनियोजित हत्या थी, जिसे मृतक के साथी ट्रक चालक सुरेश सिंह और बसंत चौहान ने मिलकर अंजाम दिया था। मृतक जितेंद्र सिंह पर सुरेश को शक था कि उसके अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध हैं। इसी रंजिश में दोनों ने योजना बनाकर 11 मार्च की रात उसे बहाने से जामगांव रेलवे ट्रैक के पास बुलाया, जहां शराब पिलाने के बाद दोनों ने मिलकर पहले मारपीट की और फिर नुकीले हथियार से उसके सिर और गले पर वार कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

हत्या के बाद सुरेश ने पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद ही जाकर लाश मिलने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लेकिन गहराई से की गई जांच में जब साइबर सेल और फॉरेंसिक टीम ने सुराग जोड़े तो मामला साजिश का निकला। सख्ती से पूछताछ में सुरेश ने हत्या की बात कबूल ली और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

इसके बाद से दूसरा आरोपी बसंत चौहान फरार चल रहा था। थाना प्रभारी अमित शुक्ला द्वारा निरंतर आरोपी की पतासाजी कराई जा रही थी। तकनीकी विश्लेषण के जरिए एक अनजान नंबर की गतिविधि का सुराग मिला, जिसके आधार पर एएसआई नंद कुमार सारथी के नेतृत्व में पुलिस टीम को तमिलनाडु भेजा गया। वहां जाल बिछाकर बसंत को एक होटल में बुलाया गया और दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकार किया ।

पुलिस टीम ने आज आरोपी को पुनः घटनास्थल ले जाकर घटनास्थल का रिक्रिएशन कराया और ई-साक्ष्य के तहत आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सुरक्षित किए गए। आरोपों के मेमोरेंडम पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी और मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किया । थाना प्रभारी अमित शुक्ला के नेतृत्व में इस सफल कार्रवाई में एएसआई नंद कुमार सारथी, आरक्षक शैलेन्द्र पैंकरा और साइबर सेल के विक्रम सिंह की अहम भूमिका रही। लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी की गिरफ्तारी को रायगढ़ पुलिस की बड़ी उपलब्धि है।

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