बारिश की वजह से धान खरीदी प्रभावित, 19 दिन का समय शेष

     धान को बारिश से बचाने तिरपाल से ढंककर कर लिया है सुरक्षित
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
सोमवार की रात्रि से हल्की बारिश होने के बाद से मंगलवार को हुई रूक-रूककर बारिश ने एक बार फिर समर्थन मूल्य में की जा रही धान खरीदी को प्रभावित किया है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी 1 दिसम्बर 2021 से चल रही है। अंतिम तिथि 31 जनवरी 2021 तक है। 19 दिन का समय शेष है। इसके पहले करीब 15 दिन पहले इस तरह के हालात बन चूके है, उस समय 2-3 दिनों तक धान खरीदी प्र्रभावित रही थी। बारिश की वजह से मंगलवार को किसी भी धान खरीदी केन्द्रो में धान की खरीदी नही हो पाई। एक ओर उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी बंद रही वही दूसरी ओर धान का परिवहन भी प्रभावित रहा। वही, समिति कर्मियो के द्वारा समितियों में रखे धान को बचाने के लिए तमाम तरह के जतन और प्रयास किये जा रहे है। धान खरीदी बंद होने में लगभग 19 दिन का समय बाकी है। इस दौरान धान की खरीदी और उनका रखरखाव को समिति कर्मियों को काफी अधिक परेशान होना पड़ रहा है। एक ओर जहंा खरीदे गए धान को बचाना समिति कर्मियों के लिए चुनौती बनी हुई है, दूसरी ओर उन किसानो के सामने भी यह परेशानी दिन-ब -दिन बढ़ती जा रही है। जिन किसानों को समिति में धान बेचने के लिए टोकन दिया जा चूका था, किन्तु मौसम के चलते धान की खरीदी नही हो पाई है। अब उन किसानो को समिति के द्वारा फिर से नए दिन का टोकन दिया जाएगा। तब कही धान की खरीदी हो पाएगी। बहरहाल किसानों को एक बार फिर समिति का चक्कर लगाना पडेगा तभी धान बिक पायेगी। लवन सोसायटी के अन्तर्गत 14 उपार्जन केन्द्रो में लगभग 70 प्रतिशत तक धान की खरीदी की जा चूकी है। उपार्जन केन्द्रो में रखे धान को समिति कर्मचारियों के द्वारा तिरपाल से ढंककर पूरी तरह से सुरक्षित रख लिया गया है। अचानक हुई बेमौसम बारिश की वजह से धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी प्रभावित हो गई है। मौसम खुलने के बाद ही खरीदी केन्द्रो में धान की खरीदी शुरू की जाएगी।
इनका कहना है।
जिला सहकारी बैंक शाखा लवन के शाखा प्रबंधक डी.एस.वर्मा ने बताया कि लवन सोसायटी के अन्तर्गत आने वाले 14 उपार्जन केन्द्रों में धान को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल से पूरी तरह ढककर सुरक्षित रख लिया गया है। मौसम खुलने के बाद फिर से धान खरीदी शुरू की जाएगी।
  डी.एस.वर्मा, शाखा प्रबंधक
  जिला सहकारी बैंक, शाखा-लवन

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