कलेक्टर ने जिले में कोविड-19 के नियंत्रण के लिए वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर की सहायता लेने के सम्बंध में ली बैठक, वनवासी कल्याण आश्रम  कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए जिला प्रशासन की हर सम्भव मदद के लिए तैयार


जशपुरनगर 20 अप्रैल 2021/ कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले में कोविड के नियंत्रण के लिए वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर की सहायता लेने के सम्बंध में बैठक ली।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री बालाजी राव, वन मंडलाधिकारी श्री श्रीकृष्ण जाधव,  मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री के.एस मंडावी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री पी. सुथार, वनवासी कल्याण आश्रम जशपुर के महामंत्री श्री योगेश बापट, व्यवस्था प्रमुख श्री प्रकाश काढ़े, प्रधान चिकित्सक डॉ मृगेन्द्र सिंह एवं चिकित्सक डॉ प्रवीण  उपस्थित थे।
बैठक में  जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम में वनवासी कल्याण आश्रम प्रबंधको की सहायता एवं सेवा उपलब्ध कराने के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित  चिकित्सा केंद्र में आने वाले लोगों का भी अनिवार्य  रूप से कोविड टेस्ट कराने की हिदायत दी। उन्होंने आश्रम के  चिकित्सको को भी मास्क, पीपीई किट पहनकर लोगों का ईलाज करने सहित अन्य सावधानियां बरतने के निर्देश दिए। कलेक्टर में  बताया कि जशपुर के सिटी हेल्थ सेंटर में कोरोना मरीजो के ईलाज की व्यवस्था की गई है। वहाँ भर्ती होने वाले मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम  के चिकित्सक की सेवा उपलब्ध कराने के लिए कहा जिस पर वनवासी कल्याण आश्रम के चिकित्सको द्वारा पूर्ण सहयोग देने की बात कही। कलेक्टर ने सीएमएचओ को आश्रम द्वारा संचालित चिकित्सा केंद्र में भी मेडिकल किट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री श्री योगेश बापट ने बताया कि उनके  आश्रम द्वारा कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए हर सम्भव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि आवश्यकता होने पर उनके आश्रम द्वारा संचालित छात्रावास में 50 बिस्तर वाला क्वारंटाईन सेंटर के संचालन के लिए जिला प्रशासन को उपलब्ध भी कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनके आश्रम के सदस्यो द्वारा गाँव-गाँव  जाकर लोगो की स्वास्थ्य परीक्षण का कार्य किया जाएगा।
कलेक्टर ने उन्हें इस कार्य हेतु ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, मेडिकल किट, दवाइयां सहित अन्य उपकरण उपलब्ध कराने की बात कही। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिनों को भी उनके सहयोग के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिससे वे गावो में ही लक्षणग्रस्त लोगो को चिन्हाकित कर उन्हें प्राथमिक उपचार उपलब्ध करा सके।

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