गुलाब देशमुख । दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंजोरा (ख), खपरी,बिरेझर,अंडा आलबरस,निकुम, मोहंदीपाट आदि गांवों में किसानों से इमारती लकड़ियों को कौड़ियों के मोल में खरीदकर आरा मिलों में खपाए जाने की शिकायत मिल रही है।
विदित हो कि फसल कटाई पश्चात लकड़ी के दलालों के द्वारा ईट भट्ठा,आरा मशीन में इमारती लकड़ियों को खपाने का काम किया जा रहा है जिसमें नीम कहुआ,बबूल, इमली इत्यादि शामिल है,और यह कार्य बड़े क्षेत्रीय नेताओं के संरक्षण में चल व फल फूल रहा है। किसानों की मजबूरियों का फायदा उठाकर दलाल सुनियोजित तरीके से इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं आलम यह है कि कुछ बड़े आरा मिलो में जिनके पास लाइसेंस और बगैर लाइसेंस वालों के पास लकड़ियों को भेजा जा रहा है जिससे आरा मशीन मालिक खूब चांदी काट रहे हैं
आपको बता दें कि ग्राम ऑलबरस में एक दबंग खेत मालकिन ने अपनी खेत का हरा भरा पेड़ जलाऊ के रूप में कटवाने के नाम पर, जबकि आरा मिल के लिए काटा जा रहा है उस पर धमकी देते हुए एक अखबार बांटने वाले मीडिया कर्मी को फोटो खींचने के नाम पर जमकर बहस कर कॉलर पकड़कर व मारपीट को अंजाम देने की बात कह डाली। यहां तक कि पुलिस को बुला कर पिटवाने की धौंस देदी। इससे इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि पुलिसिया संरक्षण में भी कार्य हो रहा होगा। एक तरफ गांव में विकास कार्यों का भूमि पूजन अतिथियों के कर कमलों से हो रहा था और एक तरफ गांव में विनाश की गाथा लिखी जा रही थी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। सवाल यह है कि क्या इस अबैध लकड़ियों के खेल में जिमेदार अधिकारी को पता है या नहीं अगर पता है तो जान बूझ कर करवाई नही कर रहे हैं वह भी जिमेदार है अगर पता नहीं है तो भी जिमेदारी उन अधिकारियो की बनती है कि उस क्षेत्र के लोगो को पता अबैध लकड़ियों के बारे में है फिर यह कैसे हो सकता है कि अधिकारी को पता नहीं हो