
जबलपुर की जिला प्रशासन ने क्रिश्चियन मिशनरीज की जमीन पर संचालित व्यावसायिक संस्थानों पर तालाबंदी की कार्रवाई शुरू कर दी है. शासन ने 99 साल की लीज पर जमीनों का आवंटन किया था.
MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिला प्रशासन ने आज गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रिश्चियन मिशनरीज (Christian missionaries) को आवंटित एक बेशकीमती जमीन को अपने कब्जे में ले लिया. प्रशासनिक अमले ने मिशनरी द्वारा इस जमीन पर अवैधानिक रूप से संचालित व्यावसायिक संस्थानों पर तालाबंदी की कार्रवाई शुरू कर दी है. यह जमीन अरबों रुपये की बताई जाती है. एक पखवाड़े पहले भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद बिशप पी सी सिंह से जुड़ी क्रिश्चियन मिशनरी के लिए आवंटित बेशकीमती जमीनों को अनियमितता के कारण शासन के नाम दर्ज कर दिया गया था. अब प्रशासन ने उनके अधिपत्य को लेकर बड़ी कार्रवाई शुरू की है.
खाली करने के लिए एक सप्ताह का दिया समय
इस बेशकीमती जमीन पर बने मिशनरीज के सद्भावना भवन में तालाबंदी के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने विकास आशा केंद्र, इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम और भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय को खाली कराने के लिए समय दिया है. तहसीलदार श्यामनंदन चन्देल के मुताबिक पिछले दिनों प्रशासन ने क्रिश्चियन मिशनरी के अधीन नजूल लीज की जमीन पर संचालित 4 संस्थानों को एक सप्ताह का समय देकर परिसरों को खाली करने का नोटिस जारी किया था. जिसकी मियाद पूरी होने के बाद गुरुवार को प्रशासनिक अमले ने मिशन कंपाउंड इलाके में पहुंचकर सद्भावना भवन पर तालाबंदी की कार्यवाही की.
1999 में खत्म हो चुकी है लीज
दरअसल, शासन ने 99 साल की लीज पर क्रिश्चियन मिशनरी को रहवासी मद में बेशकीमती जमीनों का आवंटन किया था, लेकिन ईओडब्ल्यू के चंगुल में फंसे पूर्व बिशप पीसी सिंह इन जमीनों का व्यावसायिक इस्तेमाल करते हुए लाखों रुपयों का किराया वसूलने लगा था. द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन रहे बिशप पीसी सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने क्रिश्चियन मिशनरी को आवंटित जमीनों की पड़ताल की. इसी दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि तैयब अली चौक इलाके में आवंटित 1 लाख 70 हजार 358 वर्ग फुट की जमीन की लीज़ साल 1999 में ही खत्म हो चुकी थी. इस आधार पर अपर कलेक्टर न्यायालय ने बेदखली का नोटिस जारी किया था.
पक्ष रखने के लिए नहीं दिया गया समय
इधर प्रशासन की इस कार्यवाही से शहर का मसीही समुदाय आक्रोश में है. कार्रवाई करने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करते हुए मसीही समुदाय से जुड़े लोगों की तरफ से रश्मि विक्टर ने प्रशासन पर समय न देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बेदखली का नोटिस ऐसे समय पर दिया गया जब त्योहार के मौके पर सरकारी दफ्तरों में छुट्टियां थी. इसके साथ ही उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए भी समय नहीं दिया गया है