
निजी स्कूल बसों की जांच:452 में सिर्फ 202 बसों की जांच, 13 को फिटनेस व परमिट नहीं, 35 वाहन चालक बीपी-शुगर के मरीज
जिले में 452 स्कूल बस पंजीकृत हैं। इनमें से 29 स्कूलों की 202 बसें रविवार को जांच के लिए सेक्टर-6 स्थित पुलिस लाइन पहुंची। इनमें से 5 बसों का परमिट नहीं था। 3 बसों को फिटनेस नहीं मिला। 5 बसों में जीपीएस में नहीं लगा था। 45 बसों में छोटी खामियां मिली। इसमें वाइपर में पानी नहीं होने, बैकलाइट नहीं चलने समेत अन्य समस्याएं सामने आईं। इसे दूर करने के लिए स्कूल संचालकों को एक सप्ताह दिया गया है। 26 जून को बची हुई बसों की जांच की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट से गाइड लाइन जारी होने और स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए दो दिन पहले स्कूल बस संचालकों को नोटिस भेजकर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और यातायात पुलिस ने बसों की जांच के लिए पुलिस मैदान सेक्टर-6 बुलाया गया। सुबह 7 बजे से जांच के लिए बसें आने लगी थीं। पहले बसों में उपलब्ध व्यवस्था की जांच की गई।
पहले दस्तावेजों का किया परीक्षण, फिटनेस और परमिट भी हुआ चेक
जांच के दौरान सबसे पहले वाहनों का पंजीयन किया गया। फिर परिवहन विभाग के अफसरों ने स्कूल बसों के दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान वाहन का पंजीयन नंबर, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक के ड्राइविंग लायसेंस की जांच की गई। सुबह बसों में महिला परिचारक बहुत कम आई थीं। दोपहर को महिला परिचारिकाओं को भेजा गया।
ट्विनसिटी में 452 बसें आरटीओ में पंजीकृत, सभी की स्थिति देखी
- 452 स्कूल बसें हैं आरटीओ में पंजीकृत।
- 202 बसें जांच के लिए पहुंची।
- 26 जून को पुन: की जाएगी स्कूल बसों की जांच।
- 16 बिंदुओं पर स्कूल बसों की जांच की जारी है ।
- 34 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।
- 45 बसों में मिली छोटी खामियां। इसे दूर करने कहा।
बसों के तकनीकी पहलुओं की भी जांच के आधार पर जारी किया सर्टिफिकेट
वाहनों के मैकेनिकल फिटनेस के तहत हेड लाइट, ब्रेक लाइट, बैक लाइट, पार्किंग लाइट, इन्डिकेटर, स्पीडो मीटर, स्टेरिंग, टायर, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट, हॉर्न, वाइपर एवं वाहन में आगे पीछे रिफ्लेक्टर की जांच की गई। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइड लाइन के अनुसार वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गर्वनर, प्रेशर हार्न, आपातकालीन खिड़की आदि की जांच हुई।
स्कूल बस चलाने वाले 25 ड्राइवरों की आंखें कमजोर
जांच के दौरान सभी स्कूल बस चालकों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। पहले उनकी आंखों की जांच की गई। उन्हें पहले अक्षर पढ़ाकर देखा गया। फिर मशीन से आंखों की जांच की गई। ब्लड प्रेशर चेक किया गया। इसके बाद रक्त का नमूना लिया गया। जांच में 25 वाहन चालकों की आंखें कमजोर मिली। 35 वाहन चालकों में बीपी, शुगर मिला।
मिली खामियों को दूर कर पुन: जांच कराने कहा
आरटीओ अनुभव शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार बसों की जांच की गई। जो स्कूल और कॉलेज की बसें आज नहीं आ पाई हैं और जिन बसों में खामियां मिली हैं, उनकी 26 जून को पुन: जांच की जाएगी। खामियां मिली बसों को सप्ताहभर के भीतर ठीक कर पुन: जांच कराने को कहा गया है। इसके बाद भी खामी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।