
बिलासपुर : नालियों के बीच से गुजर रही पेयजल पाइपलाइन बनी बीमारी का कारण, डायरिया-पीलिया फैलने का खतरा
बिलासपुर। शहर के कई वार्डों में पेयजल सप्लाई की स्थिति गंभीर होती जा रही है। बारिश का मौसम शुरू होते ही डायरिया और पीलिया जैसी जलजनित बीमारियों के फैलने की आशंका गहराने लगी है। कारण है — नालियों के बीच से गुजरती पुरानी और जर्जर पाइपलाइनों के जरिए की जा रही जल आपूर्ति।
वार्डवार संकट की स्थिति
यदुनंदन नगर, तिफरा, इमलीपारा, तालापारा, चिंगराज, मधुबन, राजकिशोर नगर और लिंगियाडीह जैसे कई इलाकों में गंदे पानी की सप्लाई से जनस्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। इन क्षेत्रों में नालियों के पास से गुजरती पाइपलाइनों के कारण गंदगी और सीवरेज का पानी पाइपों में मिलकर जल आपूर्ति को दूषित कर रहा है।
पुराने सर्वे में भी उजागर हुई थी सच्चाई
नगर निगम द्वारा पूर्व में कराए गए सर्वे में भी यह सामने आया था कि शहर के कई हिस्सों में पाइपलाइनें नालों और नालियों के बीच से गुजर रही हैं। कई जगहों पर लीकेज की पुष्टि भी हुई थी। निगम के कुछ ज़ोन में मरम्मत कार्य किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर अब भी जंग लगे और क्षतिग्रस्त पाइप बदलने का कार्य अधूरा है।
बारिश शुरू, खतरा फिर बढ़ा
बारिश का मौसम एक बार फिर दस्तक दे चुका है, लेकिन तालापारा, मगरपारा, टिकरापारा, चांटीडीह और चिंगराज जैसे इलाकों में अब तक पेयजल लाइन को नालियों से नहीं हटाया गया है। इससे इन क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के फैलने का खतरा फिर बढ़ गया है।
प्रशासन की सफाई और आश्वासन
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि संबंधित जोन कमिश्नरों के साथ बैठक ली गई है। जहां-जहां से शिकायतें मिल रही हैं, वहां तत्काल सुधार कार्य कराया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, खराब हो चुकी पुरानी पाइपलाइन को बदलने के लिए आवश्यक पाइप मंगवाए जा चुके हैं, और जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।
नागरिकों की मांग – स्थायी समाधान
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हर साल बारिश के साथ ही बीमारियों का खतरा मंडराता है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा। लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि जल आपूर्ति व्यवस्था को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं।
बिलासपुर शहर के पेयजल नेटवर्क की यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है। यदि समय रहते पाइपलाइनों की मरम्मत और स्थानांतरण नहीं किया गया, तो शहर को एक बार फिर बीमारियों की मार झेलनी पड़ सकती है।