अवैध कारोबारियो की किन किन छुट भैया नेताओं का है संरक्षण

मनेंद्रगढ़ से रईस अहमद- सट्टा,जुआ,कबाड़,अवैध नशीली मादक पदार्थों का मनेद्रगढ़ जिला में बड़े लंबे पैमाने पर कारोबार चल रहा है। सिर्फ मनेद्र गढ़ जिला ही नहीं छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहे है। जिसकी पुष्टि माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने खुद की है।

समय-समय पर छत्तीसगढ़ डीजीपी आईजी और एसपी को सीएम भूपेश बघेल से निर्देश मिलते रहे हैं।

अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ डीजीपी के साथ हुए बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने सट्टा कारोबारियों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे। कुछ दिनो पहले छत्तीसगढ़ के तमाम आईजी एसपी के साथ हुए कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देशित किया था कि दूसरे राज्य से गांजे की एक भी पत्ती छत्तीसगढ़ न आए। इसी तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने राज्य में बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं से सख्ती से निपटने की भी बात कही थी।

पुलिसिया कार्यवाही करने के बावजूद भी अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद क्यों है ?

ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बार-बार निर्देशित करने के बाद भी छत्तीसगढ़ पुलिस और एमसीबी पुलिस हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। थाना सिटी कोतवाली मनेन्द्रगढ़ की बात की जाए तो थाना प्रभारी सचिन सिंह जी द्वारा कई बार अवैध कारोबारियों को रंगे हाथों पकड़कर अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेजा गया है। कई बार सट्टा कारोबारियों के ऊपर जुआ 4 – क एक्ट की कार्रवाई की गई है। लेकिन ना जाने फिर भी क्यों अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद है रेलवे स्टेशन,रेलवे फाटक और शहर के अलग-अलग हिस्सों में धड़ल्ले से अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। खुलेआम बैठकर सट्टा काट रहे हैं, खुलेआम बैठकर दारूगांजा पीते हैं।

अवैध कारोबार का परमिशन।

अक्सर हम लोग यह सुनते हैं कि फला आदमी के सट्टा का परमिशन हो गया है फला आदमी के कबाड़ का परमिशन हो गया है। यह परमिशन क्या है ? आखिर अवैध कारोबार का परमिशन कब से होने लगा ? या फिर पुलिस के नाम के आड़ में अवैध कारोबार को चलाने का एक फंडा है ताकि अवैध कारोबारी बेफिक्र होकर अवैध कारोबार कर सके।

अवैध कारोबार से छुट भैया नेताओं का क्या है लेना देना।

हमने देखा है कि हमारे क्षेत्र के कुछ बड़े छुट भैया नेताओं का अवैध कारोबारियों से काफी करीबी रिश्ता है वह उन लोगों के घर आते जाते भी है, अगर कभी पुलिस उन अवैध कारोबारियों पर सख़्ती करती है उनको सट्टा जुआ या कबाड़ जैसे अपराधों में पकड़ कर थाना लाती है तो इन छुट भैया नेताओं का फोन उन अपराधियों को छोड़ने के लिए आने लगते हैं पुलिस पर दबाव बनाया जाता है कि उन्हें छोड़ दे। जिससे पुलिस का मनोबल टूटता है और ऐसे अपराधियों का मनोबल बढ़ता चले जाता है। आखिर इन नेताओं को इन अवैध कारोबारियों से इतना लगाव क्यों है ? क्या इन व्यापारो में इनकी भी संलिपता है ? या चंदे के नाम पर मोटा रकम वसूल रहे है क्षेत्र में बढ़ रहे इन अपराधों पर हमारे क्षेत्र के विधायक भी मौन रहते हैं सवाल यही खड़ा हो रहा है कि आखिर क्यों ?

निजात अभियान के तहत कार्रवाही करने से कौन रोक रहा है।

हाल ही में पुलिस विभाग के द्वारा खुलेआम बैठकर दारूगांजा पीने वालों पर निजात अभियान के तहत कार्यवाही की जा रही थी ऐसे लोगों को पकड़कर अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय भेज दिया जा रहा था सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की ऐसी कार्यवाही हमारे छुट भैया नेताओं को पसंद नहीं आई और पुलिस विभाग पर अपना राजनीतिक रौब दिखाकर दबाव बनाने लगे हद तो तब हो जाती है जब अपराधियों द्वारा ही पुलिस की शिकायत की जाती है और इसी शिकायत को आधार बनाकर छुट भैया नेता थाना प्रभारियों पर दबाव बनाने लगते हैं।
एक तरफ माननीय भूपेश बघेल जी अपराधों और अपराधियों को लेकर गंभीर है वहीं दूसरी तरफ कुछ छुट भैया नेता इन अपराधियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं यह अपने में एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।

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