हिंसा और अत्याचार को भक्ति से दूरे करे- पंडित तिलेश्वर

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।

ग्राम कोरदा में हेमन्त वर्मा एवं श्रीमती रूखमणी वर्मा द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत महापुराण सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ दिन शनिवार को कथावाचक पंडित तिलेश्वर नाथ तिवारी ने शुंभ-निशुंभ वध एवं रक्त बीज की कथा का वर्णन लोगों को सुनाई। उन्होंने कहा कि जब देवतागण दानवों के आंतक से भयभीत हो रहे थे, तब सभी ने मां दूर्गा की स्तूति और अराधना किया तब मां दुर्गा ने प्रकट होकर देवताओं की व्यथा सुनी और कहा शीघ्र ही दानवो के आतंक से आप लोग मुक्त हो जाएंगे। इसके बाद मां दुर्गा ने दानवो के साथ युद्व किया और देवताओं को उनके आतंक से मुक्ति दिलाई। पंडित तिलेश्वर नाथ तिवारी ने आगे कहा कि समाज से रक्तबीज जैसे दानवीय हिंसा और अत्याचार को भक्ति से मारना होगा। पंडित ने बताया कि रक्त बीज को वरदान मिला था कि जितना रक्त धरती पर गिरेगा उतना ही नया रक्तबीज दानव उत्पन्न होगा। मां भवानी रक्त बीज को मारता जाता था, उसके रक्त से और रक्त बीज उत्पन्न हो जाते थे। तब मां दुर्गा ने काली को कहा यह ऐसे में नहीं मरेगा, तुम अपना मुंह को फैलाओ और इस रक्त बीज का कोई भी रक्त धरती पर गिरने मत देना, पूरा का पूरा रक्त पी जाओ। मां काली ने वैसा ही किया। इस प्रकार रक्तबीज का वध मां दुर्गा ने किया। पंडित तिलेश्वर नाथ तिवारी ने शुभ-निशंभ की कथा का भी सुन्दर ढंग से वर्णन किया। भागवत कथा का श्रवण करने भूपेन्द्रनाथ सुरेन्द्र, केदारनाथ, वासुदेव, महेन्द्र, नरेन्द्र एवं महिलाओं में मीना बाई वर्मा, श्रीमती प्रमिला बाई वर्मा, प्यारी वर्मा, धात्री वर्मा, सोनिया वर्मा, नेहा वर्मा, शशिभूषण वर्मा सहित ग्रामीणजन कथा का आनंद लें रहे है।

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