सामाजिक कार्यकर्ता व युवा नेता जयदीप चक्रवर्ती ने शाशन से लगाई गुहार, निजी अस्पतालों में मिले स्वास्थ्य बीमा (health insurance) को पूर्णतः मान्यता । बीमा धारी कोविड मरीज़ को न देना पड़े एक भी रूपये

आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर

रायपुर। प्रदेश ही नही वरन पूरे देश मे विगत 1 वर्ष से कोविड -19 अपना कहर बरसा रहा है। अब इस वायरस का द्वितीय चरण बहुत ही भयावह रूप दिखा रहा है। जिसमे आंकड़ो की बात करे तो छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सर्वाधिक संक्रमित प्रदेश है। शाशन, प्रशासन ,सामाजिक संस्थाए व अन्य बहुत से समर्पित परिवारजन अपनी सर्वोच्च सेवा देने में लगे हुए है। ऐसे में राजधानी के समाजसेवी व युवा नेता श्री जयदीप चक्रवर्ती के द्वारा लॉक डाउन का पालन करते हुए प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंहदेव जी को ट्वीटर के माध्यम से एक सुझाव प्रेषित किया है । जिसमे श्री चक्रवर्ती ने कहा कि :-

प्रदेश की जनता कॅरोना महामारी से शारिरिक व शाशन द्वारा लागए जाने वाले लॉक डाउन, प्राइवेट नौकरियों की छटनी, व्यापार में मंदी की वजह से आर्थिक तंगी से बुरी तरह हलाकान है।
इस स्थिति में भी आम जनता शाशन द्वारा लागू किये गए नियमो का पालन पूरी शक्ति व ईमानदारी से कर रही है।
वर्तमान समय मे यदि परिवार के सदस्य की तबियत बिगड़ती है या कॅरोना संक्रमित पाए जाने की स्थिति में परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा उस संक्रमित व्यक्ति को उचित स्वास्थ लाभ हेतु अस्पताल ले जाया जाता है। जहा एक ओर प्रशासन द्वारा किये जा रहे हर संभव प्रयास के बावजूद सरकारी अस्पतालो के अलावा निजी अस्पतालों में भी बेड उपलब्ध होने की गुंजाइश न के बराबर है। परंतु प्रदेश में स्थित सैकड़ो निजी अस्पताल मरीज के परिजनों से अग्रिम राशी के रूप में लाखो रुपये जमा करा कर उपचार प्रारम्भ कर रहे है।
ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि प्रदेश की समस्त आम जनता की यथा संभव सहायता करने के उद्देश्य से निजी अस्पतालों को आदेशित करे कि जिस किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य बीमा (health insurance) है। उस मरीज़ से अस्पताल प्रशासन किसी भी प्रकार की कोई भी अग्रिम राशि जमा नही करवाएगा अपितु संबंधित बीमा कंपनी से सामंजस्य स्थापित कर अस्पताल प्रशासन इलाज में खर्च रुपये बीमा कंपनी से सीधे अस्पताल के खाते में स्थान्तरित करवाएगा ।
यदि छत्तीसगढ़ शासन चाहे तो राज्य के लाखों परिवार इस सुविधा का लाभ लेते हुए । अपने परिवारजानो के इलाज के लिए पैसों हेतु घर जमीन जेवर बेचना नही पड़ेगा और न ही वह परिवार किसी प्रकार के कर्ज में डूबेगा ।
अतः राज्य शाशन से अनुरोध है कि शीघ्र ही ऐसा आदेश पारित कर पीड़ित जनता को राहत पहुंचाए एवं अन्य राज्यो के लिए भी एक आदर्श उदाहरण देवे ।

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