
आईएसबीएम विवि में तितलियों एवं पौधों के विविधता पर व्याख्यान
छुरा गरियाबंद
भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज
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छुरा – आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा (कोसमी) छुरा, गरियाबंद छत्तीसगढ़ में विज्ञान संकाय द्वारा बटरफ्लाई एवं प्लांट डायवर्सिटी विषय पर एक दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। बटरफ्लाई के बारे में व्याख्यान के लिए संत गुरुघासी दास स्नाकोत्तर महाविद्यालय कुरूद, जिला धमतरी के जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. हित नारायण टंडन एवं पौधे के विस्तृत जानकारी देने के लिए शासकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय बालोद के वनस्पति विज्ञान के अतिथि प्राध्यापक डॉ.सोहन लाल साहू का व्याख्यान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना एवम् दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों के स्वागत एवं उनका परिचय किया गया। इस दौरान आईएसबीएम विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए अपने व्याख्यान में बताया कि बटरफ्लाई पर्यावरण का महत्वपूर्ण जैव घटक है,जिससे हमारा बचपन से संबंध होता है। यह बच्चों के लिए सबसे प्यारा एवं बहुत ही आकर्षक होता है। यह हमारे आसपास के क्षेत्रों में अनेक रंगों में उपस्थित रहता है। उन्होंने बताया कि बटरफ्लाई की डायवर्सिटी को बनाने में बहुत अधिक समय लगता है किन्तु इसे नुकसान पहुंचने में कुछ ही समय लगता है। हमे अधिक से अधिक बटरफ्लाई का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि बटरफ्लाई डायवर्सिटी शिक्षा के साथ साथ शोध का भी एक महत्वपूर्ण विषय है। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता ने बताया कि बटरफ्लाई एक जैविक घटक है लेकिन इसके शरीर की बनावट में भौतिक शास्त्र का ज्ञान भी मिलता है ,क्योंकि इनकी शरीर से प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। जिसके कारण अनेक रंग का हमे दिखाई देता है।हम सभी को अपने घरों में एक छोटा बगीचा जरूर रखना चाहिए जिससे बटरफ्लाई का संरक्षण हो सके और पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित किया जा सकें। तत्पश्चात् विश्वविद्यालय के कैंपस में बटरफ्लाई तथा प्लांट डायवर्सिटी अध्ययन के लिए क्षेत्र भ्रमण किया गया । इस भ्रमण में श्री हित नारायण टंडन, डॉ सोहन लाल साहू, प्राणी शास्त्र के प्राध्यापक तथा विभाग के समस्त प्राध्यापकों एवं बीएससी तथा एमएससी के विद्यार्थी शामिल हुए। क्षेत्र भ्रमण में प्रो.हित नारायण टंडन ने बटरफ्लाई की डायवर्सिटी को बताया एवं तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। डॉ सोहन लाल साहू ने प्लांट की विभिन्न डायवर्सिटी के बारे में बताया। क्षेत्र भ्रमण के तुरंत बाद बीएससी तथा एमएससी के विद्यार्थियों के द्वारा बनाए गए मॉडल का परीक्षण किया गया। मॉडल परीक्षण के बाद प्रो.हित नारायण टंडन ने बटरफ्लाई डायवर्सिटी के बारे में अपना व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने बटरफ्लाई की विभिन्न प्रजातियों के बारे में बताते हुए कहा कि बायो डायवर्सिटी के बारे में हमे जागरूक होने की जरूरत है। क्योंकि बटरफ्लाई के माध्यम से ही किसी पेड़ में फल लगता है। पौधे या वृक्ष के फूल में पोलेनग्रेन तथा स्टिग्मा एक साथ सक्रिय नहीं होता, ये दोनों अलग अलग प्लांट्स पर सक्रिय होता है जो बटरफ्लाई के माध्यम से फर्टिलाइज होकर फल में परिवर्तित होते हैं, जिससे हमें बीज मिलती है और जिससे हमे अनेक प्लांट्स हमारी पर्यावरण में उग पाती है। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी के रूप में डॉ सोहन लाल साहू ने प्लांट डायवर्सिटी पर अपना व्याख्यान दिया, उन्होंने बताया कि प्लांट के संरक्षण से ही बटरफ्लाई का संरक्षण संभव है। प्लांट के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। अतः हमें अधिक से अधिक इनका संरक्षण करना आवश्यक है। मॉडल प्रेजेंटेशन में बीएससी फाइनल की छात्रा अंजू साहू ने प्रथम, मुक्ता साहू, बीएससी फाइनल ने द्वितीय तथा लक्ष्मी साहू बीएससी फाइनल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन भौतिकी शास्त्र के प्राध्यापक द्वारा किया गया। अंत में विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष ने अतिथियों एवं उपस्थित सभी प्राध्यापकों एवं प्रयोगशाला सहायकों तथा विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।