
अंधेरे की वजह बना कोयला, खत्म होने से सात बिजली प्लांट बंद, घर-दुकानों की बत्ती गुल
जयपुर. राजस्थान में पिछले कई से दिनों से कोयले की कमी के कारण बिजली संकट पैदा हो गया है. कोयले की कमी के कारण राजस्थान में 7 विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद हो गई हैं बाकी अन्य इकाइयों में भी मात्र 3 से 4 दिन का ही कोयला स्टॉक में बचा गया हुआ है. खबर है कि फंड की कमी की वजह से राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा भुगतान न करने के कारण बिजली संकट पैदा हुआ है. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में 4 से 5 घंटे बिजली कटौती हो रही है. कोयला खानों में पानी भर जाने के कारण संकट और गहराता जा रहा है.
उर्जा विभाग के अधिकारी का कहना है की सूरतगढ़ की 6 विद्युत उत्पादन इकाइयां और कालीसिंध की एक इकाई कोयले की कमी के कारण बंद हो गई हैं. इसके अलावा कोटा विद्युत प्लांट भी 70 प्रतिशत की क्षमता के साथ चल रहा है. अधिकारी का कहना है कि मानसून के कारण बिजली का दबाव बढ़ा है, हर साल अगस्त के महीने में 20 करोड़ यूनिट की खपत होती थी लेकिन इस बार यह आंकड़ा 31 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है.
राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ बीडी कल्ला का कहना है की जल्द ही कोयले की कमी पूरी कर ली जाएगी. अग्रीमेंट के मुताबिक कॉल इंडिया को साढ़े चार रेक कोयला भेजना था लेकिन 3 रेक कोयला ही भेजा जा रहा है. कोयले की कमी को देखते हुए हमने 9 रेक भेजने की डिमांड की है.राजस्थान सरकार को कोयला कंपनियों को 900 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया भुगतान करना है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 900 करोड़ रुपये रिलीज कर दिए हैं. इसके अलावा 1000 करोड़ रुपये बकाया भुगतान के लिए सेंक्शन किये हैं. आपको बता दे की एक रेक में चार हजार टन कोयला होता है.