
अधिकारी बदलते ही नगर पंचायत लैलूंगा में दर =परत घोटाला की फाइलें खुलनी प्रारम्भ अब नया घोटाला ट्यूबलर पोल लाइट घोटाला का मामला आया सामने
ठेकेदार को लाभ पहुंचाने सीएमओ ने मद परिवर्तन कर भुगतान किया
टेंडर अधोसंरचना मद से व भुगतान पंद्रहवें वित्त से
लैलूंगा- नगर पंचायत लैलूंगा के विभिन्न वार्ड में लगे ट्यूबलर लाइट घोटाला परते खुलने लगी है जिसमे लाखो की राशि से गोपनीय टेंडर और सेटिंग कर चहेती फर्म को न केवल कार्य आदेश दिया बल्कि मद परिवर्तन कर भुगतान किया गया। मामला उजागर होने व विगत दिवस कलेक्टर के किसान सम्मेलन में लैलूंगा दौरे के मद्देनजर खम्बे को नगर पंचायत में रातों रात लाकर रख दिया गया ।भौतिक सत्यापन में पोल की संख्या कम होने पर संख्या समायोजन करने का कारनामा सामने आया। स्टॉक में पोल रखा गया है तो रखे पोल का फाउंडेशन का भुगतान कैसे हो गया और बेशकीमती एलईडी लाइट,तार,केबल का भुगतान भी कैसे कर दिया गया।ट्यूबलर पोल लाइट घौटाला की खबर सामने आते ही संख्या समायोजन के लिए नगर पंचायत में खम्बे रख दिये गए है।अब प्रश्न उठना लाजमी है कि रखे पोल के फाउंडेशन व अन्य बिल भुगतान कैसे हो गया ?
वार्डो में उतनी संख्या में ट्यूबलर पोल लगाए ही नही गए जितने पोल के लिए निविदा की गयी और माप पुस्तिका में कार्य का मूल्यांकन किया गया। तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी सी पी श्रीवास्तव एवं उपयंत्री अमित एक्का ने ट्यूबलर पोल लाइट के ठेकेदार रिलाएबल ट्रेडिंग कंपनी बिलासपुर से मिलीभगत कर शासकीय राशि के गबन करने की साजिश रची।
नगर पंचायत लैलूंगा में लंबे अरसे से पदस्थ रहे विवादित प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी सी पी श्रीवास्तव के कार्यकाल में हुए घोटाले का सच सामने आने लगा है। गोपनीय टेंडर में महारथ हासिल भ्रष्ट प्रभारी सीएमओ ने घोटाले की ऐसी साजिश रच शासकीय राशि का व्यापक घोटाला किया। निविदा प्रकाशन स्थानीय स्तर पर न कर अन्य संभाग में किया, साथ ही सेटिंग से ऊंची दर पर निविदा स्वीकृत की। नगर पंचायत लाखो का पंहुचाया गया है।
अधोसंरचना मद से विभिन्न वार्डो में ट्यूबलर पोल फिटिंग कार्य के लिए अनुमानित लागत 64.71 लाख की निविदा जारी हुई। जिसमें तीन फर्म ओम इंटरप्राइजेज बलौदा, शिवम इंटरप्राइजेज जांजगीर और रिलाएबल ट्रेडिंग कंपनी बिलासपुर ने निविदा डाली। सभी 7 कार्यो के लिए एक समान दर क्रमशः 10%, 5% एवं 9% अधिक तीनो फर्म ने भरी।रिलाएबल ट्रेडिंग कंपनी बिलासपुर को 5% अधिक दर पर सातों कार्यो के कार्य स्वीकृत कर कार्य आदेश क्रमांक 73/04.05.22 दिया गया। कुल 97 ट्यूबलर पोल के लिए भुगतान पंद्रहवें वित्त आयोग मद से किया गया है।
नगर में लगे ट्यूबलर पोल का भौतिक सत्यापन वार्ड पार्षदों द्वारा किया गया तो गबन और भ्रष्टाचार के अचरज करने वाले किस्से सामने आए। वार्ड क्रमांक 3 व 4 को छोड़कर शेष सभी दो दो वार्ड में 15-15 पोल लगने थे एवम वार्ड 15 में 7 पोल लगाए जाने थे। वार्ड 13 व 14 में मात्र 5 पोल व वार्ड 15 में 7 पोल की जगह 6 पोल ही लगाए गए हैं।अचरज करने वाली बात तो यह है कि वार्ड 14 से पार्षद व नगर पंचायत अध्यक्ष मंजू मित्तल के वार्ड में एक मात्र पोल लगा है निविदा के अनुसार वार्ड 13 व 14 में 15 ट्यूबलर पोल लगने थे और माप पुस्तिका में भी 15 पोल का मूल्यांकन किया गया है।लेकिन वार्ड 13 में चार एवं वार्ड 14 में एक ही लगाया गया है।जबकि माप पुस्तिका में वार्ड 13 व 14 में 15 ट्यूबलर पोल लाइट लगाना दर्ज है । पहले ही गोपनीय निविदा से नगर पंचायत लैलूंगा को आर्थिक क्षति पहुचाई गयी। वही फर्जी मूल्यांकन व भुगतान कर शासकीय राशि का गबन किया गया है।
नगर पंचायत लैलूंगा के विभिन्न वार्डों में लगे ट्यूबलर पोल व लाइट में ही घोटाला नही किया गया है बल्कि फाउंडेशन, केबल वायर, एम सी व्ही स्विच, कनेक्शन वायर, के भी व्यापक व फर्जी बिल बनाये गए है। फाउंडेशन में 1.3.6 में 40mm गिट्टी से ढलाई कर लोहे की प्लेट लगायी जानी थी लेकिन फाउंडेशन की ढलाई नही किया गया और न ही किसी भी खम्बे में लोहा प्लेट लगायी गयी है बल्कि गड्ढा खोदकर खम्बे को खड़ा किया गया है।माप पुस्तिका अनुसार 9 मीटर के पाइप खम्बे की लागत 12638 है जबकि इसका बाजार मूल्य3500 से 4000 है। केबल वायर 4 कोर 25mm का लगना बता राशि 326 प्रति मीटर भुगतान किया गया है जबकी 2 कोर 6mm का केबल लगाया गया है जो कि बाजार में बीस रुपये प्रति मीटर की दर पर मिलता है।माप पुस्तिका में एमसीव्ही स्विच थ्री फेस की जगह सिंगल फेस का लगाया गया है।लगाये गए MCB स्विच का बाजार मूल्य लगभग 100 है जबकि भुगतान 696 प्रति स्विच किया गया है। कनेक्शन तार 6mm दर 130 प्रति मीटर से किया गया जबकि 2mm से भी कम के तार से कनेक्शन किया गया है। घोटाले का काला कारनामा यहीं नही थमा बल्कि उक्त सभी भुगतान में निविदा दर 5 प्रतिशत अधिक और जोड़ी गयी है।
कांग्रेस पार्टी से वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद आदित्य बाजपेयी ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पत्र लिखकर 13 व 14 वार्ड में लगे ट्यूबलर पोल के भौतिक सत्यापन की मांग की। साथ ही माप पुस्तिका व बिल भुगतान के अनुसार भौतिक सत्यापन में पोल नही पाए जाने पर संबंधित ठेकेदार,उपयंत्री व भुगतान अधिकारी CMO पर शासकीय राशि के गबन की साजिश का अपराध दर्ज कराने की मांग की थी।लेकिन आज पर्यंत लिखित जानकारी नही मिलने पर पुनः आवेदन कर मांग किया गया है।
यूं तो ट्यूबलर लाइट एकमात्र कार्य नही है बल्कि विवादास्पद सीएमओ सी पी श्रीवास्तव के कार्यकाल के सभी कार्यो की आहूत निविदा की सूक्ष्म जांच करायी जाय तो भ्रष्टाचार की ऐसी कलाई खुलेगी जो कि संभवतः प्रदेश में किसी अन्य नगरीय निकाय में नही किया गया होगा।
निविदा तो अधोसंरचना मद से लगी है। और भुगतान पंद्रहवें वित्त से किया गया है। चार नग ट्यूबलर पोल नंगर पंचायत में रखे है। लाइट वायर केबल आदि का कोई स्टॉक का पता नही है।मूल्यांकन व भुगतान फाउंडेशन सहित सभी खम्बो का हो गया है।