आखिर कौन बदनाम कर रहा है मोतीलाल वोरा जैसे सज्जन इनसान को? इशारों-इशारों में क्या कह गए पूर्व सीएम रमन, विधायक अरूण वोरा पहले ही ले चुके हैं राहुल गांधी को आड़े हाथ

नरेश सोनी/दुर्ग प्रमुख
दुर्ग। भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग के अंतिम दिन बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने इशारों-इशारों में बड़ी बात कह दी। डॉ. रमन ने कहा कि मोतीलाल वोरा जैसे सज्जन आदमी को मृत्यु के बाद बदनाम किया जा रहा है। नेशनल हेराल्ड मामले में २००० करोड़ की सम्पत्ति बनाने वाले गांधी परिवार के युवराज राहुल गांधी से जब ईडी ने पूछा तो उन्होंने साफ कह दिया कि सब घपला मोतीलाल वोरा ने किया है। डॉ. रमन ने कहा कि वोरा सज्जन व्यक्ति रहे हैं, उनको बदनाम किया जा रहा है; जबकि वे आज इस दुनिया में नहीं है। डॉ. रमन की सार्वजनिक तौर से कही गई इन बातों के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर मोतीलाल वोरा को बदनाम कौन कर रहा है?
दरअसल, कांग्रेस के दो नेताओं पवन बंसल और मल्लिकार्जुन खडग़े पहले ही वोरा को कटघरे में खड़ा कर चुके थे। बाकी की रही सही कसर कथित तौर पर राहुल गांधी ने पूरी कर दी। हालांकि स्व. वोरा के पुत्र अरूण वोरा ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। राहुल की बातों का उन्होंने कड़े शब्दों में न केवल प्रतिकार किया, अपितु यह भी कहा कि राहुल गांधी को इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली पहुंचकर गिरफ्तारी दे चुके हैं, वहीं पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी आज ही विरोधस्वरूप दिल्ली गए हैं। आशय यह कि छत्तीसगढ़ की सत्ता और उसका संगठन राहुल गांधी के साथ हैं। पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस पार्टी का आंकलन करें तो कांग्रेस का मतलब राहुल गांधी और राहुल गांधी का मतलब ही कांग्रेस पार्टी है। इन हालातों में देखें तो राहुल गांधी ने जो कुछ कहा, मान सके हैं कि वह कांग्रेस पार्टी का कथन है।
अरूण की जुबान बने डॉ. रमन
विधायक अरूण वोरा ने राहुल गांधी का अपने स्तर पर जितना विरोध करना था, कर लिया, लेकिन अब उनकी जुबान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह बने हैं। मजे की बात है कि अरूण वोरा पर लम्बे समय से भाजपा के कतिपय नेताओं के साथ सांठगांठ कर चुनाव लडऩे के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने न कभी इन आरोपों को स्वीकार किया, न ही नकारा। चर्चा है कि अभी दो दिन पहले ही रात में वे भाजपा नेत्री से मिलने भी गए थे। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। ऐसे में उनसे सवाल पूछा जा सकता है कि क्या वे डॉ. रमन की बातों से इत्तेफाक रखते हैं? विधायक वोरा को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वास्तव में कांग्रेस पार्टी या उसके अग्रणी नेता, मोतीलाल वोरा को बदनाम कर रहे हैं? या फिर साजिशन इस तरह की बातें फैलाई जा रही है।
गांधी परिवार के सबसे विश्वस्त रहे वोरा
गौरतलब यह भी है कि स्व. मोतीलाल वोरा को गांधी-नेहरू परिवार का सबसे विश्वस्त और करीबी माना जाता था। अनेक अवसरों पर राहुल गांधी स्वयं वयोवृद्ध स्व. वोरा का हाथ पकड़कर चलते देखे गए। कांग्रेस पार्टी के लिए वोरा कितने महत्वपूर्ण थे, इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि राजनांदगांव से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद उन्हें राज्यसभा में भेजा गया था। कांग्रेस पार्टी का कोष उन्होंने लम्बे समय तक और बेहतर ढंग से संभाला और उसमें इजाफा भी किया। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर आखिर ऐसा क्या हो गया कि मोतीलाल वोरा पर उनके इंतकाल के बाद आर्थिक गड़बडिय़ों के आरोप मढ़े जा रहे हैं?