लैलूंगा मर्डर मिस्ट्री में उलझी पुलिस, अब ओड़िशा दबिश की तैयारी, तमाम कवायदों के बाद सुराग नहीं

रायपुर। रायगढ़ जिले के लैलूंगा में बुधवार देर रात हुई कांग्रेस नेता मदन मित्तल और पत्नी अंजू देवी की हत्या मामले में अब तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ओडिशा तक आरोपियों की तलाश में जुटी है। इलाके में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। इधर, मदन मित्तल की दोनों राइस मिल के कर्मचारियों, पूर्व कर्मचारियों से पूछताछ जारी है। शुक्रवार को क्षेत्र के विधायक, पूर्व मंत्री समेत कई लोग लैलूंगा पहुंचे और मित्तल परिवार से मुलाकात की। यहां के बाजार दो दिन से विरोध में बंद हैं। इस दोहरे हत्याकांड का पूरे इलाके में जबरदस्त विरोध हो रहा है। गुरुवार सुबह जैसे ही इस वारदात की खबर लगी। लैलूंगा के बाजार बंद हो गए। आज शुक्रवार को भी दुकानें नहीं खुलीं और क्षेत्र के व्यापारियों ने तय किया है कि वे शनिवार को भी दुकानें नहीं खोलेंगे। आर्थिक नाकेबंदी करेंगे। उधर, पत्थलगांव के व्यापारियों ने भी इस घटना के विरोध में शनिवार को बाजार बंद रखने की बात कही है।

जानकारी मिली है कि गुरुवार सुबह मदन और अंजू मित्तल के शव उनके बेडरूम में मिले थे। इसके बाद रायगढ़ एसपी अभिषेक मीणा ने जांच टीमें बनाकर तफ्तीश शुरू की। कुछ जांच दलों को कुछ संदिग्ध लोगों की जानकारी लेने बाहर भी भेजा गया है। लैलूंगा के जितने भी मकानों, दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनके फुटेज खंगाले जा रहे हैं। लैलूंगा शहर की दुकानें गुरुवार से बंद हैं। सूत्रों ने बताया है कि लैलूंगा ओडिशा के बार्डर का गांव है। संदेह यह भी है कि अपराधी वारदात करने के बाद ओडिशा भाग गए गए हों। जांच टीम ओडिशा के बार्डर इलाकों के गांवों की छानबीन भी कर रही है। मदन मित्तल और अंजू देवी की हत्या होने के बाद ही पुलिस ने उनके एक ड्राइवर सोनू खान को उठाया था। इस ड्राइवर से मदन नाराज थे और उसे जमकर डांटा था। उन्होंने अपने बेटे से भी कहा था कि वो सोनू को घर में आने-जाने ना दे। इसी आधार पर पुलिस ड्राइवर से पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है। गौरतलब है कि इस पूरी वारदात में हत्या का उद्देश्य समेत ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब नहीं मिला है। घटनास्थल से कुछ नकद और जेवरात गायब बताए जा रहे हैं तो करीब 1 करोड़ कीमत के गहने, नकद वहां से नहीं ले जाए गए हैं। मदन मित्तल अपने कमरे का दरवाजा बंद करके सोते थे, लेकिन बुधवार को उनका दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था। दो अलमारियों में चाबी लगी थी, लेकिन हत्यारों ने उन्हें नहीं खोला। घटनास्थल पर किसी तरह के संघर्ष के निशान नहीं मिले।

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