उत्तर प्रदेश व बिहार का प्रसिद्ध पर्व जिउतिया संगीतराई डीपापारा स्थित कामेश्वर प्रसाद के घर धूम धाम से मनाया गया क्या है इस पर्व की मान्यताए

कहते है की यह पर्व मे माँ अपने बच्चो की जिंदगी सलामती के लिए लिए निर्जला उपवास करती है जिसमे एक दिन पहले नहाने खाने के बाद सरगी खाते है उसके बाद दिन भर बिना खाए पिए निर्जला उपवास रहते है

जिउतिया का पर्व खास हिन्दू त्योहारों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि एक माँ दुनिया की सबसे ताकतवर इन्सान होती है। जीवित्पुत्रिका के दिन माँ अपने बच्चों की ख़ुशी, उनके स्वास्थ्य और लम्बी आयु के लिए पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए उपवास रखती हैं और ईश्वर से कामना करती हैं की वो उनकी संतान की हमेशा रक्षा करे। जीवित्पुत्रिका उपवास को सबसे कठिन व्रत पूजा में से एक माना जाता है। जिउतिया के एक दिन पहले तरह तरह के व्यंजन बनाये जाते है और रात 3 बजे पूर्वजो को याद करके उन्हें भोग लगाया जाता है और सरगी खाया जाता है । उसके बाद निर्जला उपवास रहते है।शाम को स्नान करके विधि पूर्वक पूजा और कथा सुना जाता है। और पूरे परिवार के लिए प्राथना किया जाता है और सुख शांति समृद्धि की कामना की जाती है।

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