
इमरजेंसी 112 की मदद से पहाड़ी कोरवा महिला का हुआ सफल प्रसव….. महिला ने स्वस्थ जुड़वां बच्चों को दिया जन्म
धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत कापू क्षेत्र के डगभौना गांव में पहाड़ी कोरवा समुदाय की एक महिला को मंगलवार 18 तारीख को प्रसव पीड़ा हुई,जिसकी जानकारी 112 में दी गई सूचना पर इमरजेंसी वाहन की टीम तत्काल मौके के लिए रवाना हो गई, लेकिन आपको बता दें कच्ची पथरीली नाला रास्ता होने की वजह से गर्भवती महिला के घर तक 112 की टीम नही पहुंच सकी।
लिहाजा मौके की नजाकत को ध्यान में रखते हुए 112 के जवान करीब 1 किलोमीटर पैदल चलकर महिला के घर तक पहुंचे,गर्भवती महिला की क्रिटिकल कंडीशन को देख परिजनों को समझाइस देते हुए ,महिला को कांवर में बैठाकर लेकर इमरजेंसी वाहन तक पहुंचे। उसके बाद उसे नजदीकी स्थित स्वास्थ्य केंद्र पेलमा में भर्ती कराया गया। जहां महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया आपको बता दें पहाड़ी कोरवा समुदाय की गर्भवती महिला उर्मिला पहाड़ी कोरवा पहले घर मे एक लड़की को जन्म दे चुकी थी, फिर से प्रसव पीड़ा होने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेलमा लाया गया जहां उसने एक पुत्र को जन्म दिया इस तरह जुड़वा बच्चो को पहाड़ी कोरवा उर्मिला ने जन्म दिया है।

फिलहाल वर्तमान में जच्चा और बच्चा दोने का स्वास्थ्य बेहतर बताया जा रहा है।ऐसे में यहाँ कोई दो राय नहीं की 112 की टीम आरक्षक दिलीप तिर्की और चालक छोटू दास महंत का कार्य बहुत ही सराहनीय रहा जिनकी मदद से गर्भवती माता ने दो स्वस्थ्य जुड़वां बच्चों को जन्म दी है।

वहीं अगर हम दूसरे पहलू की बात करें तो जाहिर तौर पे नकारात्मक तस्वीर सामने आ रहा है, जिसमें क्षेत्र की वस्तु स्थिति को देखने के बाद सबकुछ आईने की तरह साफ है।ये बताने की जरूरत नहीं की राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले पहाड़ी कोरवा समुदायों की क्या हालत है?
अगर हम यहाँ यह कहें तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आज के डिजिटल इंडिया , मेक इन इंडिया और नाना प्रकार से जो भी कहें मगर यह कड़वी सच्चाई है ,आज भी पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोग पाषाण युग मे जीवन जीने को मजबूर हैं!!