छत्तीसगढ़न्यूज़लैलूंगा

एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता होने पर भी हारी सुनिति सत्यानंद राठिया…

282 में से 134 में सुनिति और 147 में विद्यावती रही आगे, एक में बराबर मिले वोट…

-जिले के लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में एक से बढ़कर एक भाजपा के कद्दावर नेता होने के वावजूद लगभग आधी बुथों पर बढ़त के बाद भी हारी सुनिति सत्यानंद राठिया।
भाजपा ने रायगढ़ जिले में चार में से एक ही सीट जीती। लैलूंगा और धरमजयगढ़ में जीत हो सकती थी लेकिन प्रबंधन और टिकट वितरण में गलती की वजह से हार हुई। लैलूंगा में सुनीति राठिया को तकरीबन आधे बूथों पर बढ़त मिली लेकिन वह चुनाव हार गई। इस बार लैलूंगा सीट पर भाजपा टिकट देने में गलती कर बैठी। पिछले चार विधानसभा चुनाव से सुनीति-सत्यानंद ही बार-बार रिपीट हो रहे थे। जनता के बीच इसका गलत संदेश गया। वहीं कांग्रेस ने चक्रधर सिंह सिदार के खिलाफ हो चुकी जनभावना को जानकर महिला प्रत्याशी विद्यावती सिदार को मौका दिया। सुनीति के सामने महिला प्रत्याशी आने से एडवांटेज खत्म हो गया।आकड़े बताते हैं कि लैलूंगा सीट के 282 बूथों में
जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। दोनों प्रत्याशियों में कड़ी टक्कर रही। 134 बूथों में सुनीति राठिया को बढ़त मिली और 147 में विद्यावती आगे रही। बूथों की संख्या में कोई खास अंतर नहीं है। इसी से अंदाजा लग जाता है कि दोनों के बीच कड़ी टक्कर रही। इतने बूथों में आगे रहने के बावजूद सुनीति हार गई। तमनार और परिसीमन वाले क्षेत्रों में सुनीति को एकतरफा वोट मिले। लेकिन लैलूंगा में वह पिछड़ गई। आखिरी के पांच राउंड में सुनीति ने जबर्दस्त वापसी की थी लेकिन अंतर को पाट नहीं पाईं।

13वें राऊंड तक 11 हजार से पीछे

पहले राउंड से विद्यावती ने थोड़ी-थोड़ी बढ़त बनानी शुरू की। कोई भी राउंड ऐसा नहीं था जिसमें 3000 या अधिक की बढ़त मिली हो। तीन-चार राउंड में ही 2000-2500 की लीड विद्यावती को मिली। बाकी में अंतर 1000 के अंदर ही रहा। कछुआ चाल से ही विद्यावती ने 13 वें राउंड तक करीब 11 हजार की बढ़त बना ली। फिर 14 वें से 20 वें राउंड तक सात राउंड में सुनीति राठिया ने साढ़े छह हजार की लीड ले ली। लेकिन इतने अंतर को नहीं पाट सकी।

चक्रधर सिदार से नाराजगी का नहीं मिला फायदा
लैलूंगा विधानसभा में पूर्व विधायक चक्रधर सिंह सिदार से नाराजगी रही। लोग इतने नाराज थे कि जिन गांवों में 2018 में चक्रधर सिदार को एकतरफा बढ़त मिली थी, इस बार सारे वोट सुनीति के पक्ष में गिरे। सराईपाली, कलमी, बरमुड़ा, उर्दना, रेगड़ा, लामीदरहा, गोवर्धनपुर, सम्बलपुरी जैसे बूथों में इस बार सुनीति को ज्यादा वोट मिले। इसी वजह से अंतिम आठ राउंड में अंतर 11 हजार से घटकर करीब साढ़े चार हजार रह गया।

लैलूंगा विधानसभा के बड़े बड़े दिग्गज नेताओं के बूथ में हार गई सुनिति सत्यानन्द राठिया शायद मेरा बूथ सबसे मजबूत पर काम नही कर पाए भाजपाई बड़े नेताओं में शुमार प्रदेश के युवा मोर्चा अध्यक्ष रवि भगत जो काफी चर्चा में रहते है अपने ही बूथ से हार गए टिकट के प्रमुख दावेदार रहे अरुण राय जागेश सिदार ने भी अपने ही बूथ पर जीत दर्ज नही कर पाए एक जाना माना चेहरा भाजपा के प्रमुख मार्गदर्शक गोकुलनन्द पटनायक भी अपने बूथ पर निपट गए बात करे युवा मोर्चा तमनार मण्डल अध्यक्ष की तो यहाँ भी भाजपा को बढ़त नही मिल पाई वही रोडोपाली मण्डल अध्यक्ष का बूथ मिलुपरा में भी भाजपा को सफलता नही मिल सका

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