
दिनेश दुबे 9425523689
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*एलॅन्स पब्लिक स्कूल बेमेतरा में गृह शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन*
बेमेतरा, – सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सीबीएसई के दिशा-निर्देशों के अनुसार एलॅन्स पब्लिक स्कूल मे विगत 17 अक्टूबर, 2022 से 25 नवंबर 2022 तक इन हाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहला सत्र आयोजित किया गया। स्कूल के शिक्षकों की क्षमता विकसित करने तथा प्रशिक्षण देने हेतु जिला प्रशिक्षण समन्वयक तथा “हब ऑफ लर्निंग” के मार्गदर्शक रूप में डॉ. सत्यजीत होता, प्राचार्य को नामित किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्य ने एक-दूसरे की क्षमताओं को विकसित करने के लिए चित्र, पोस्टर, फ्लिप चार्ट, फ्लैश कार्ड, ऑडियो विजुअल के साथ अपनी-अपनी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दी। क्षमता-निर्माण कार्यक्रम उन कौशलों, प्रवृत्तियों, क्षमताओं, प्रक्रियाओं और संसाधनों को विकसित और मजबूत करने की प्रक्रियाएं हैं जिनकी आज संगठनों और समुदायों को तेजी से बदलती दुनिया में जीवित रहने और फलने-फूलने के लिए नितांत आवश्यकता है। क्षमता निर्माण गतिविधियों के नेतृत्व विकास और भविष्य के सहयोग की योजना शामिल हो सकती है। व्यक्तिगत स्तर पर, क्षमता निर्माण गतिविधियों के उदाहरणों में प्रशिक्षण और परामर्श शामिल हो सकते हैं। संगठनात्मक क्षमता निर्माण गतिविधियाँ व्यापक पैमाने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की क्षमता का निर्माण, वृद्धि और विकास करना है इस उदेश्य को पूर्ण करने हेतु एलॅन्स पब्लिक स्कूल के शिक्षक सीबीएसई प्रशिक्षण पोर्टल, दीक्षा, निष्ठा, पारख, पीएम ई-विद्या और शिक्षा ऐप का प्रयोग कर लगातार 25 घंटे से अधिक की अवधि में उत्कृष्ट केंद्र, सीबीएसई से ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञो द्वारा सभी प्रशिक्षुओं को शारीरिक, सामाजिक, पर्यावरणीय तथा भाषा विकास से संबधित जानकारियाँ दी गई। विद्यालय मे भिन्न-भिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों को शिक्षा देकर स्कूल परिसर मे आनंदमयी माहौल कैसे निर्मित करे इस हेतु भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरान्त दिए गए प्रश्न पत्र मे 40 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए प्रातः कालीन सभा मे प्राचार्य द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
शिक्षकों की क्षमता के विकास के लिए आंतरिक प्रशिक्षण के विषय थे –
बलबीर सिंह, डॉ. अनुराग त्रिपाठी, राकेश यादव और सुश्री श्रिया (नैतिक शिक्षा),
अभिषेक मिश्रा (इंटरनेट गैजेट्स और मीडिया के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना),
के. ठाकुर (कक्षा प्रबंधन), श्री जेवियर जोसेफ (प्रभावी संचार कौशल / बाल अधिकार संरक्षण), श्री एम. के. चौहान (विज्ञान में कला एकीकरण सीखना), अकरम रज़ा (स्कूलों में लैंगिक संवेदनशीलता), एस. राणा (ब्लूम टैक्सोनॉमी) श्रीमती पुष्पलता पटले, डॉ. जे.के. कुलमित्रा और श्रीमती रेणुका काले (हिन्दी शिक्षण विधियाँ), श्रीमती सुषमा अरोरा चोपड़ा (मूल्य और जिम्मेदार नागरिक), श्री आबिद अली (किशोरावस्था मे शिक्षा), श्री संदीप बनर्जी (क्रोध मुक्त विद्यालय / कक्षाएं), श्रीमती एस ठाकुर (खेल – खेल मे सीखना), के.के. मोहंती और श्रीमती जी. जेना, (लैंगिक समानता), वेद प्रकाश (कैरियर मार्गदर्शन), हरिओम सोनी (स्कूल में कला एकीकरण), उमेश काले और रंजीत सिंह (तनाव मुक्त शिक्षा), अयान प्रमाणिक (अनुभवात्मक शिक्षा) , सुश्री पी. नागमणि (पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता), टी. श्रीनिवास राव (आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच), अरुण कुमार पाल (किशोरों की समस्याएं और इसका समाधान), राहुल सोलंकी (स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना), सुश्री प्रतीक्षा अवस्थी (21वीं सदी के कौशल) तथा श्री संदीप कुमार (एनईपी- 2020) द्वारा समीक्षात्मक और रचनात्मक सोच पर प्रशिक्षण दिया गया।
शिक्षकों के क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी एवं सफल रहा। प्रशिक्षण का अनुश्रवण कर कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षको ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्राचार्य डॉ. सत्यजीत होता ने कहा कि बेमेतरा जिले के अन्य विद्यालयों के शिक्षकों को भी इस तरह प्रशिक्षित किया जाएगा। बेमेतरा जिले के नजदीकी स्कूलों के शिक्षकों को आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देने के लिए शिक्षकों ने स्वयं को सुसज्जित किया हैं। उनके अनुसार हमें नवाचार और औद्योगिकीकरण के माध्यम से भविष्य की प्रौद्योगिकी को आकार देने में विरासत-आधारित दर्शन पर केंद्रित स्कूली शिक्षा को 5.0 के रूप में विकसित करना होगा। हमारे शिक्षण और सीखने में स्थानीय पर्यावरण का उपयोग किया जाएगा। तब हमारी शिक्षा प्रणाली सरल और समझने योग्य होगी। इस प्रशिक्षण मे परिणाम स्वरूप हमें तीन रणनीतियों के साथ तैयार रहना होगा। पहली रणनीति -हितधारकों को अपना समर्थन देकर स्कैप होल्डिंग के रूप में जानना। दूसरी रणनीति -नए विचारों, रचनात्मकता, नवाचार और प्रोत्साहन के साथ प्रतिबिंबित होना। तीसरी रणनीति – अन्वेषण, संलग्नता, व्याख्या, विस्तार, मूल्यांकन, और प्रयोगात्मक के माध्यम से भय मुक्त वातावरण में एक नए ज्ञान के बाहरीकरण को अभिव्यक्त करना। यह प्रशिक्षण एनईपी 2020 को लागू करने की तैयारी के लिए है। अंत में, उन्होंने कहा कि यह प्रयास चुनौतीपूर्ण है लेकिन सारगर्भित है। आज इसकी हमें जरूरत हैं। हम इसके लिए सतत प्रयासरत रहेंगे। इस प्रशिक्षण प्रक्रिया से शिक्षक स्वयं को अद्यतन, ऊर्जावान, समर्थ और सशक्त बनाएंगे, फिर वे समय की आवश्यकता के अनुसार छात्रों को क्रियाशील, सशक्त, ऊर्जावान, समर्थ बनाएंगे।
मॉडरेशन टीम में प्रमुख रूप से प्राचार्य, डॉ. सत्यजीत होता, बलबीर सिंह, जेवियर जोसेफ तथा अकरम रजा थे।
शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए स्कूल प्रबन्धन के अध्यक्ष श्री कमलजीत अरोरा तथा निदेशक श्री पुष्कल अरोरा ने कहा कि आज के बच्चे भावी-पीढ़ी के निर्माता है। समय – समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाना चाहिए, ताकि शिक्षकों और विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन होता रहे।
















