Budget 2022: आत्मनिर्भर भारत, रोजगार और MSP का जिक्र कर क्या कुछ बोले पीएम मोदी? जानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में पेश किए गए साल 2022-23 के बजट को आम जन के अनुकूल और प्रगतिशील करार देते हुए कहा कि सौ साल की भयंकर आपदा के बीच यह बजट विकास का नया विश्वास लेकर आया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश के जरिए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य जन के लिए अनेक नए अवसर बनाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बजट अत्यधिक अवसंरचना, अत्यधिक निवेश, अत्यधिक विकास और अत्यधिक रोजगार की नई संभावनाओं से भरा हुआ है. एक नया क्षेत्र और खुला है, और वह है ग्रीन जॉब का. यह बजट तत्कालीन आवश्यकताओं का भी समाधान करता है और देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को भी सुनिश्चित करता है.’’

बजट के विभिन्न प्रवाधानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनका लाभ युवा, मध्यम वर्ग, गरीब-दलित-पिछड़े सहित सभी वर्गों को मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू गरीब का कल्याण है और इसी को ध्यान में रखते हुए हर गरीब के पास पक्का घर नल से जल की सुविधा, शौचालय, गैस की सुविधा हो, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इस बजट में कृषि क्षेत्र में सुधार के मकसद से कई प्रावधान किए गए हैं, जिनमें ऋण सुनिश्चित करना, रिकॉर्ड एमएसपी, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देना और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना शामिल है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मेहनती छोटे किसान इन कदमों की बदौलत समृद्ध होंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने और पलायन रोकने को ध्यान में रखते हुए भी बजट में नई घोषणाएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आधुनिक इंटरनेट संपर्क पर भी इसमें उतना ही जोर है. पीएम ने कहा कि हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना पहाड़ों पर परिवहन और संपर्क की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी. और इससे हमारे देश के जो सीमावर्ती गांव हैं, उन्हें बहुत बड़ी ताकत मिलेगी.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमवर्ती गांवों का ‘‘वाइब्रेंट’’ होना जरूरी है और यह देश की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए भी बजट में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गंगा किनारे प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट के प्रावधान कृषि को लाभप्रद बनाने और नये अवसर सुनिश्चित करने वाले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘नए कृषि स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कोष हो या फिर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए नया पैकेज, इससे किसानों की आय बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद के माध्यम से किसानों के खाते में सवा दो लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा सीधे हस्तांतरित किए जा रहे हैं.’’

प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस घोषणा का भी सराहना की कि रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए आवंटित किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘‘इसका भी बड़ा लाभ भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मिलेगा. यह आत्मनिर्भरता की तरफ बहुत बड़ा मजबूत कदम है. साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये के सार्वजनिक निवेश से अर्थव्यवस्था को नई गति के साथ ही, छोटे और अन्य उद्योगों के लिए नए अवसर भी बनेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में वह बुधवार को ‘‘बजट और आत्मनिर्भर भारत’’ विषय पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे

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