ऐसा भी होता है : अंतिम संस्कार में था मौत का खौफ, मदद न करने वाले भी भोज में टूट पड़े

पटना : सोशल मीडिया में वायरल खबर को पढ़कर आप भी सामाजिक मानसिकता पर चिंता जाहिर करने लगेंगे। बिहार के अररिया जिले से संबंधित इस खबर में आज के लोगों की सोच व मानवता पर सवाल खड़ा होने लगा है कि लोग कैसे धीरे धीरे संवेदनहीन होते जा रहे हैं और अपने लाभ के लिए कुछ भी करने या न करने के लिए तैयार रहते हैं। आपको बता दें कि हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी, जिसमें एक लड़की पीपीई किट पहनकर अपनी मां के शव को अकेले ही दफनाने की कोशिश कर रही थी, क्योंकि उसकी मां के अंतिम संस्कार में आसपड़ोस का कोई भी इंसान शामिल नहीं हुआ था। ऐसी स्थिति में लड़की को अकेले ही मां को शव को दफनाना पड़ा, लेकिन जब उसने अपनी मां का श्राद्धकर्म और भोज किया तो उसमें 150 लोग जा पहुंचे।

बताया जा रहा है कि उस लड़की की मां से पहले उसके पिता का भी निधन हो चुका था, जिससे घर में केवल 3 बच्चे बचे थे। घर में केवल बच्चों के होने के बावजूद आसपास के लोगों व रिश्तेदारों ने किसी तरह की मदद की कोई पहल नहीं की।

ये मामला अररिया जिले के विशनपुर पंचायत के वार्ड नंबर 14 का बताया जा रहा है। सोनी के पिता मेडिकल स्टोर चलाते थे। उनकी तबीयत बिगड़ी और कई दिन अस्पताल में रहने के बाद उनकी मौत हो गई और उसके 4 दिन बाद मां की भी मौत हो गई। इससे आसपास के लोगों में भी खौफ हो गया। लोगों को मौत का ऐसा डर फैला कि कोई उनकी लाश भी उठाने नहीं आया।

घर पर ही दफनाना पड़ा शव मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनी ने मां के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को बुलाया, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। इसके बाद उसने घर के के अहाते में ही गड्ढा खोदा और मां को दफना दिया। इसके बाद उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी। मां को दफना देने के बाद जब यह जानकारी प्रशासन को मिली तो उन्हें मदद मिलनी शुरू हुई। जिला प्रशासन से भी उन्हें आर्थिक मदद मिली। इसी से उन्होंने मां-पिता के श्राद्ध और ब्राह्मणभोज का आयोजन किया। इस आयोजन में गांव के 150 लोग शामिल हुए और निडर होकर भोजन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button