कनफ्युजन के कारण काँग्रेस बैकफुट पर,असम में नही चली सीएम बघेल की चाल, युपीए ने उठाये थे राजीव के राम पर सवाल – राघवेन्द्र पाण्डेय

आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर

रायपुर – कांग्रेस के जानकार पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि कन्फ्यूजन की निति के कारण कांग्रेस बैकफुट पर है उन्होंने कहा कि अपने अस्तित्व के लिये जुझ रही कांग्रेस का एक और बड़े राज्य पश्चिम बंगाल में भी सफाया हो गया है और असम में न प्रियंका गांधी का चेहरा चला और न छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल की चाल काम आई । कांग्रेस विचार धारा से जुड़े प्रदेश के प्रतिष्ठित समाज सेवी पं राघवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि राम जी हम हिन्दुओं के आदर्श है । राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी अक्सर कहते थे कि मुझे राम के नाम से बल मिलता है । तथा प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कारण वर्ष 1985 में दुरदर्शन ने रामानंद सागर के रामायण का प्रसारण किया था ,1986 में राजीव गाँधी ने ही रामजन्मभूमि मंदिर के ताले खुलवाये थे। नवम्बर 1989 में उन्होंने विश्व हिन्दु परिषद को राममंदिर के शिलान्यास की अनुमति दी थी अपने चुनावी भाषणों में भी वे रामराज्य की बात करते थे । दिसम्बर 1992 में विवादित ढांचा को गिराया गया उस वक्त भी कांग्रेस के पीवी नरसिम्हा राव ही प्रधानमंत्री थे । बाद में मुस्लिम फोबिया के कारण काँग्रेस रामलला के मुद्दे पर पीछे हट गई और बीजेपी राममंदिर को प्रमुख मुद्दा बनाकर सत्ता में आ गई । युपीए सरकार ने तो सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दायर करके रामलला के अस्तित्त्व पर ही सवाल उठा दिया था । मुसलमान पहले ही सपा बसपा और टीएमसी जैसे क्षेत्रीय दलों का रूख कर चुके थे युपीऐ से आह्त लाखों हिन्दूओं का झुकाव भी बीजेपी की ओर हो गया श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि मुस्लिम फोबिया के कारण कांग्रेस धारा 370 को लेकर भी स्पष्ट राय नही बना सकी । पार्टी के प्रमुख युवा चेहरे रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा प्रवेश के बाद अब सचिन पायलेट की भुमिका को लेकर भी पार्टी में कनफ्युजन की निति है । श्री पाण्डेय ने कहाकि कनफ्युजन की निति के कारण हिन्दु और मुसलमान दोनों का भरोसा कांग्रेस से उठ रहा है, श्री पाण्डेय ने कहा कि चुनावों में हार का ठीकरा विपक्षी दलों और पार्टी कार्यकताओं पर फोड़ने के बजाय पार्टी के नेताओं पर से जनता का भरोसा क्यों उठ रहा है इस पर चिंतन होना चाहिये उन्होंने कहा की वरिष्ठ नेताओं का सम्मान हो पर मध्य प्रदेश से सीख लेकर वर्षों से सत्तासुख भोग रहे नेताओं को आगे आकर पार्टी की कमान युवाकंधो को सौंपना चाहिये ।

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